सूरत कपड़ा बाजार : जानिये PIL-2 योजना से गारमेंट और विविंग उद्योग को कैसे होगा लाभ

सूरत कपड़ा बाजार : जानिये PIL-2 योजना से गारमेंट और विविंग उद्योग को कैसे होगा लाभ

केंद्र सरकार छोटे और मझोले उद्यमियों के लिए पीएलआई-2 (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) योजना शुरू करने पर विचार कर रही है। फिलहाल उद्योगपति इस बात की संभावना व्यक्त कर रहे हैं कि जिस तरह से पीएलआई-2 योजना तैयार की गई है, उससे सूरत के गारमेंट उद्योग को फायदा होगा। एक अनुमान के मुताबिक इस योजना से सूरत और दक्षिण गुजरात में 500 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है।

मुंबई प्रदर्शनी में मिला संकेत 


आपको बता दें कि मुंबई में आयोजित एक प्रदर्शनी के दौरान कपड़ा सचिव ने छोटे और मध्यम उद्यमियों के लिए पीएलआई-2 योजना का संकेत दिया था। अनुमान है कि अगले वित्तीय वर्ष से पीएलआई-2 योजना शुरू हो जाएगी। पीएलआई-1 योजना में बड़े निवेश वाले कारोबारियों को काफी फायदा हुआ है। अब इसकी योजना इस तरह से बनाई गई है कि पीएलआई-2 योजना में कम निवेश करने वाले कारोबारियों को भी फायदा हो सके। जिन लोगों ने नई योजना में 15 करोड़ रुपये का निवेश किया है, वे भी लाभान्वित हो सकते हैं।

ये लोग ले सकेंगे इस योजना का लाभ 


बता दें कि इस योजना के लिए केवल वे उद्यमी पात्र माने जायेंगे, जिन्होंने अपने खातों की बही और उनके अन्य लेखांकन लेनदेन को बनाए रखा है और नई मशीनों में निवेश किया है। गारमेंट और परिधान के अलावा अन्य इकाइयों के टर्नओवर को प्रोत्साहन के लिए नहीं माना जाएगा। जॉब-वर्क को भी टर्नओवर में नहीं माना जाएगा।
इस योजना की शर्त यह है कि उद्योगपतियों ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में निवेश किया है और उत्पादन 2024-25 में शुरू किया जाएगा। यदि व्यवसायी किसी भी वर्ष आवश्यक टर्नओवर तक नहीं पहुंच पाता है, तो उसे कोई लाभ नहीं मिलेगा। पीएलआई-2 स्कीम और ए-टफ स्कीम दोनों अलग-अलग हैं। कारोबारियों द्वारा की गई गणना के मुताबिक, जो लोग पीएलआई-2 योजना के तहत 15 करोड़ रुपये का निवेश करते हैं, उन्हें पांच साल के अंत में अपने निवेश पर 119 फीसदी रिटर्न मिलने की संभावना है, 30 करोड़ रुपये का निवेश करने वालों को 119 फीसदी और 134 करोड़ रुपये का निवेश करने वालों को उनके निवेश पर 148 फीसदी का रिटर्न मिलेगा।

यहां यह उल्लेखनीय है कि सूरत और दक्षिण गुजरात में परिधान क्षेत्र में बहुत तेजी से विकास हो रहा है। अब भी सूरत में 700 से अधिक उद्योगपति परिधान निर्माण और बिक्री में लगे हुए हैं। साड़ी और ड्रेस बनाने वाले बड़े कारोबारी भी गारमेंट सेक्टर में निवेश कर रहे हैं। साड़ी और ड्रेस की घटती बिक्री के चलते सूरत के कारोबारी परिधान उद्योग को एक विकल्प के तौर पर देख रहे हैं। उद्योगपतियों का कहना है कि अब पीएलआई योजना में ऐसे प्रावधान हैं जिनसे छोटे और मध्यम उद्यमियों को भी लाभ हो सकता है, सूरत के परिधान उद्योग को अधिक प्रोत्साहन मिलेगा। पीएलआई योजना उद्योग में नया निवेश भी लाएगी।

गारमेंट उद्योग बढ़ेगा, बुनाई को भी होगा फायदा


पीएलआई-2 योजना से परिधान और परिधान उद्योग को लाभ होगा। इस योजना से बुनाई उद्योग को भी लाभ होगा। इसके अलावा करीब 500 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है। PLI-2 योजना और A-टफ योजना के बीच कोई संबंध नहीं है। इस योजना से छोटे और मध्यम उद्यमियों को लाभ होने की संभावना है।