सूरत : दूषित पानी का होगा इलाज, देश में पहली बार सिरेमिक बेस मेम्ब्रेन तकनीक से उपचारित किया जाएगा

सूरत : दूषित पानी का होगा इलाज,  देश में पहली बार सिरेमिक बेस मेम्ब्रेन तकनीक से उपचारित किया जाएगा

नगर निगम क्लोरिनेशन करती थी अब सिरेमिक मेम्ब्रेन फिल्डर करके जलापूर्ति होगी

जल शोधन को लेकर सूरत नगर निगम त्वरित निर्णय ले रहा है। दूषित पानी के उपचार और पुन: उपयोग के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। सूरत नगर निगम देश में पहली बार सिरेमिक बेस मेम्ब्रेन तकनीक का इस्तेमाल करने जा रहा है।

इस तकनिक के उपयोग से पानी से रंग और दुर्गनध को दुर किया जा सकता है


सूरत शहर में लगातार बढ़ती आबादी और औद्योगिक घरानों के कारण आने वाले दिनों में पानी का अधिकतम उपयोग होगा। इसको लेकर कई सवाल उठ सकते हैं। तो सूरत नगर निगम द्वारा अब तक करोड़ों रुपये खर्च कर विभिन्न तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। दूषित पानी का उपचार कर औद्योगिक घरानों को दिया जा रहा है और निगम को खर्च से ज्यादा राजस्व मिल रहा है। वर्तमान में सूरत नगर निगम की स्थायी समिति द्वारा जल शोधन संयंत्र है। साथ ही सिरेमिक बेस मेमोरियल तकनीक का उपयोग कर अधिक पानी के उपचार की भी योजना बनाई जा रही है।

दूषित पानी को दोबारा ट्रीट करने से गुणवत्ता में होगी सुधार


मनपा की स्थायी समिति के अध्यक्ष परेश पटेल ने कहा कि सूरत शहर की आगामी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए दूषित पानी के उपचार के लिए अभियान चलाया जा रहा है। दूषित पानी के उपचार के लिए अत्याधुनिक सिरेमिक बेस मेम्ब्रेन तकनीक का उपयोग करके 360 एमएलडी पानी का उपचार किया जाएगा। शहर में जिस तरह से नए क्षेत्र सामने आ रहे हैं, उसे ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। इसके साथ ही निगम हर समाज के भीतर जल संचयन में सामुदायिक संचयन को बढ़ावा देने के लिए आगे बढ़ रहा है।

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