सूरत : आवारा पशुओं को लेकर मालधारी समाज और प्रशासन अमन सामने

सूरत : आवारा पशुओं को लेकर मालधारी समाज और प्रशासन अमन सामने

म्युनिसिपल टैक्स-बिजली बिल भरने के बावजूद कार्रवाई, प्रशासन पर अत्याचार का आरोप

आवारा पशुओं पर नियंत्रण करने के लिए हाईकोर्ट के आदेश के बाद निगम लगातार कार्रवाई कर रहा है। एक ओर आवारा पशुओं पर कार्रवाई व अस्तबल में तोड़फोड़ कार्य से मालधारी समाज संकट में है। मनपा की ओर से डभोली कतारगाम जैसे इलाकों में अस्तबल हटाने पर नाराजगी जताई गई है। जबकि सूरत की मेयर हेमाली बोघवाला ने कहा कि अस्तबल को अवैध रूप से जबरन जबरदस्ती से सरकारी जमीन पर बनाया गया है।


नगर निगम द्वारा अस्तबलों पर हो रही कार्यवाही का विरोध


आवारा पशुओं के कारण हादसे हो रहे हैं। इसको लेकर राज्य सरकार भी हरकत में आ गई है। सूरत नगर निगम ने भी हाल ही में आवारा पशुओं को भगाने के लिए एक टीम नियुक्त की है। जिससे मालधारी समाज और नगर निगम कर्मचारियों के बीच मारपीट की घटनाएं भी सामने आ रही हैं। आवारा पशुओं के साथ-साथ मनपा द्वारा मजबूर होकर अस्तबल को भी हटाया जा रहा है।
इससे पहले मनपा द्वारा कतारगाम जोन में अवैध अस्तबलों को हटाया गया था। आज वराछा में तापी के तट पर एक अवैध अस्तबल को तोड़ा गया। दूसरी ओर रांदेर उगत रोड स्थित सरकारी जमीन पर अवैध रूप से अस्तबल तोड़ दिए गए। पुलिस की मौजूदगी में नगर निगम की टीम द्वारा अवैध अस्तबलों को हटाया जा रहा है।
मालधारी समाज के नेता दिनेश रबारी ने कहा कि नगर निगम और राज्य सरकार आज हमारे साथ जिस तरह का व्यवहार कर रही है वह वाकई दुखद है। हम सड़क पर आवारा पशुओं के खिलाफ की जा रही कार्रवाई का विरोध नहीं कर रहे हैं। लेकिन जिस परिसर में हमारे अस्तबल स्थित हैं, वह वैध है, हम नगरपालिका कर, बिजली बिल का भुगतान करते हैं। फिर भी हमारे अस्तबल को अवैध घोषित कर नगर निगम निरंकुश रूप से विभिन्न क्षेत्रों में मालधारी समाज को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहा है, जिसका हम पुरजोर विरोध करते हैं । 

सूरत के मेयर ने कहा- अवैध रूप से जबरन बनाए अस्तबलों पर कार्रवाई


सूरत की मेयर हेमाली बोघवाला ने कहा कि पिछले सात दिनों में सूरत नगर निगम द्वारा करीब 300 आवारा मवेशियों को पकड़ा गया है और यह कार्रवाई जारी रहेगी। अतिक्रमण विभाग मार्केट विभाग और नगरीय विकास विभाग संयुक्त रूप से संचालित किया जा रहा है। मालधारी खुद जानते हैं कि उन्होंने जो अस्तबल बनवाए हैं, वह सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किए हुए है। सरकारी जमीन पर अवैध दबाव को हटाया जाएगा और आने वाले दिनों में भी इसकी कार्रवाई जारी रहेगी।
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