सूरत कपड़ा बाजार की गत न्यारी; नया क्रिएशन हुआ नहीं कि नकल हो जाती है!

सूरत कपड़ा बाजार की गत न्यारी; नया क्रिएशन हुआ नहीं कि नकल हो जाती है!

बीते कुछ महीनों से मंदी की मार झेल रहा ग्रे व्यापार एक बार फिर अपने पुराने रंग में लौटता नजर आ रहा है. वैसे ग्रे में नई रचना बहुत कम हो गई है। इस पर वीवर्स का सबसे बड़ा डर उनकी डिजाईन की नकल हो जाने का रहा है। यही कारण है कि नई चीजें, नई डिजाईन बनाने वाले जल्दी किसी को अपनी कलाकारी नहीं दिखाते। कोई नई रचना हो तो कमाई सबसे अच्छी होती है।
आपको बता दें कि ग्रे रंग में नई गुणवत्ता बनाने वाले निर्माता बहुत ध्यान रखते हैं। जैसे ही नई डिजाईन का कोई टुकड़ा किसी डीलर या ब्रोकर के हाथ में पहुंच जाता है तो उसके कॉपी होने में देर नहीं लगती। इसलिए इस बात का खास ख्याल रखा जाता है कि फैक्ट्री में आने वाले दलालों से भी इस बारे में कोई जानकारी न हो। चूंकि व्यापारी हमेशा कुछ नया चाहते हैं, ऐसे में नकल की गतिविधि अधिक होती है।

कटिंग, शेविंग, बॉर्डर कटिंग से लेकर टेम्पों में भी चोरी होते हैं डिजाईन

इस बारे में एक बुनकर ने कहा कि ग्रे फैब्रिक बुट्टा कटिंग, शेविंग, बॉर्डर कटिंग, ब्लीचिंग या डिजिटल प्रिंटिंग के लिए भेजे जाने पर कृतियों की नकल की जाती है। कुछ डिजाईन तो टेम्पों द्वारा भेजे जाने के दौरान उनका तस्वीरें खींचकर उसकी नकल कर लेते है। ऐसे में निर्माता जो नई रचनाओं की नकल न करने का विशेष ध्यान रखते हैं, वे अक्सर पहले से योजना बनाते हैं और बड़े पैमाने पर उत्पादन के बाद अपने उत्पादों को बाजार में डालते हैं। ग्रे फैब्रिक चलाने से कॉपी होने का डर कम होता है।

बाजार में डिमांड उर सप्लाई को देखते हुए रहना पड़ता है बहुत सावधान

बुनाई उद्योग में नई रचनाओं का वर्ग मुश्किल से 2-5 प्रतिशत है। बाजार में जो कुछ भी नया आता है, वह कुछ ही दिनों में तुरंत कॉपी हो जाता है। व्यापारी दलाल-एजेंटों के माध्यम से कहीं से भी नमूने लेते हैं और उन्हें  कॉपी कर देते हैं। कभी-कभी व्यापारी खुद ऑर्डर से ग्रे कपड़ा बनाते हैं। लेकिन ज्यादातर मामलों में बुनकर नई कृतियों को लेकर बहुत सावधान रहते हैं।

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