
सूरत : मजुरागेट के फुटपाथों पर चल रहे व्यवसायों को स्थाई अनुमति देने की मांग, निजी संस्था ने मनपा को दिया आवेदन
By Loktej
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मुस्लिम सेवा संघ नाम के एक संगठन ने नगर निगम को दिया आवेदन, गुजरात सरकार के नॉर्क्स एक्ट 2014 के तहत व्यापारियों को मिले स्थायी तौर पर अनुमति
रिंगरोड मजुरागेट क्षेत्र में फुटपाथों पर चल रहे व्यवसायों की वजह से राहगीरों और वाहन चालकों को बहुत सी समस्या का सामना करना पड़ता है। इन लोगों ने लाखों की लागत से बने फुटपाथ पर कब्जा कर रखा है। जिससे लोगों को सड़क पर चलना पड़ता है और ट्रैफिक की समस्या पैदा हो जाती है। अब फूटपाथ पर अपनी लारियां लगाने वालों ने इस प्रक्रिया को वैध बनाने के लिए नगर पालिका को एक लिखित निवेदन किया गया है।
नगर पालिका द्वारा जीरो प्रेशर रूट घोषित पर फूटपाथ पर चलने की जगह नहीं
आपको बता दें कि मजुरागेट से आरटीओ तक की सड़क को नगर पालिका द्वारा सालों पहले जीरो प्रेशर रूट घोषित किया जा चुका है, लेकिन मनपा के दावे के विपरीत इस जगह अक्सर इन लोगों की समस्या देखी है। सड़क पर कपड़े सहित सामानों की बाजार भरी हुई होने से ट्रैफिक ज्यादा होने पर मनपा द्वारा दबाव न हो इसके लिए सर्विस रोड का निर्माण कर रेलिंग लगा दी गई है।
लेकिन दुकानदारों ने वहां भी वही किया जो उन्होंने सर्विस रोड पर भी किया। हालांकि पिछले कुछ दिनों से नगर पालिका की सख्ती के चलते लोगों की शिकायतों के बाद यहां कोई दबाव नहीं है। अब नगर निगम और पुलिस की कार्रवाई के बाद मुस्लिम सेवा संघ नाम के एक संगठन ने नगर निगम को एक लिखित प्रतिवेदन दिया है कि माजुरागेट से वनिता विश्राम तक फुटपाथ पर कारोबार करने वाले इन लोगों का गुजरात सरकार के नॉर्क्स एक्ट 2014 के तहत स्थायी तौर पर अनुमति दी जाए।
इस आवेदन के पीछे किसका सुझाव ये बड़ी चर्चा
गौरतलब है कि यहां ट्रैफिक की समस्या के अलावा लोगों को फुटपाथ पर पैदल चलने के लिए भी नहीं मिलता है, इसके कारण लोग सडकों पर चलते हैं जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है। उस समय बड़ी हैरानी इस बात की थी कि रोजगार के नाम पर फुटपाथ को भी अनुमति देने की मांग की गई थी। तर्क दिया जा रहा है कि अगर फुटपाथों पर कारोबारों को अनुमति दी गई तो शहर में लोगों के चलने के लिए जगह नहीं बचेगी। ऐसे में इस बात पर बहस छिड़ गई है कि ऐसा प्रेजेंटेशन किसके सुझाव पर दिया गया था।
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