सूरत : कई डाइंग-प्रिंटिंग मिलें बंद होने से केमिकल विक्रेताओं के बुरे हाल

सूरत : कई डाइंग-प्रिंटिंग मिलें बंद होने से केमिकल विक्रेताओं के बुरे हाल

इकाई बंद हो जाने के बाद केमिकल विक्रेता को पैसा देने से कतराते हैं इकाई के मालिक

पिछले वर्षों में कपड़ा उद्योग में मंदी और कुछ अन्य कारणों से कई रंगाई-प्रसंस्करण या डाइंग-प्रिंटिंग मिलें बंद हो गई हैं। अब कुछ प्रोसेसर मिलों को बंद करने के बाद मिलों के मालिक रंग-रासायनिक विक्रेताओं को भुगतान नहीं करते हैं, जिससे बंद मिलों के मालिकों के पास रासायनिक व्यापारियों की बड़ी पूंजी फंस जाती है। ऐसे में अब कलर-केमिकल एसोसिएशन ने उन व्यापारियों से जानकारी मांगी है जिनका पैसा ऐसी इकाइयों में फंसा हुआ है। जानकारी एकत्र करने के बाद संघ गृह मंत्री के समक्ष एक प्रस्तुति देगा। 
वसूली के लिए कार्यवाही शुरू की गई 
स्थानीय समाचार पत्र संदेश की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो-तीन वर्षों में मंदी और अन्य कारणों से करीब 50 रंगाई प्रसंस्करण इकाइयां बंद हो गई हैं। इन इकाइयों द्वारा रासायनिक व्यापारियों से लाखों रुपये के रंग के रसायन खरीदे और उनकी जानकारी के बिना इकाइयों को बंद करने के बाद, भुगतान न करने वाले रासायनिक व्यापारियों की एक बड़ी पूंजी अब तक फंसी हुई है। लाखों रुपए फंसने से हर केमिकल व्यापारी के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है। भुगतान के बारे में रासायनिक व्यापारियों द्वारा मिल मालिकों को कई बार सूचना देने के बाद भी आश्वासन ही मिलता है। कुछ इकाइयों को दो साल बाद भी भुगतान नहीं मिला है। इन लोगों से मिल मालिकों को भुगतान वसूल करने के लिए कलर-केमिकल एसोसिएशन द्वारा अब कार्रवाई शुरू कर दी गई है। 
50 से अधिक इकाइयां बंद
सूरत कलर-केमिकल मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेशभाई ने कहा कि जिन लोगों का भुगतान अटका हुआ है, उनसे जानकारी मांगी गई है। सारी जानकारी मिलने के बाद एसोसिएशन गृह मंत्री के सामने प्रस्तुति देगी।
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