सूरत : नगर पालिका द्वारा बनाए गए कृत्रिम तालाबों में 8177 दशमा की मूर्तियों का विसर्जन

सूरत : नगर पालिका द्वारा बनाए गए कृत्रिम तालाबों में 8177 दशमा की मूर्तियों का विसर्जन

कतारगाम जोन में सबसे ज्यादा 3367 मूर्तियां हैं जबकि अठवां जोन में सबसे कम 423 मूर्तियां विसर्जित हुई

एनजीटी के आदेश के बाद सूरत से गुजरने वाली तापी नदी में प्रदूषण रोकने किसी भी मूर्ति के विसर्जन पर रोक लगा दी है
सूरत में मनाए जाने वाले दशमा उत्सव के बाद माताजी की मूर्ति को नगर पालिका द्वारा बनाई गई कृत्रिम झील में विसर्जित कर दिया गया। सूरत नगर निगम ने शहर में पांच कृत्रिम झीलें बनाई थीं। जिसमें 8177 मूर्तियों को विसर्जित किया गया।
पिछले कुछ सालों से एनजीटी के आदेश के बाद सूरत से गुजरने वाली तापी नदी में प्रदूषण रोकने के लिए किसी भी मूर्ति के विसर्जन पर रोक लगा दी गई है। हालांकि, इस प्रतिबंध के बावजूद सूरत में हर त्योहार उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। चूंकि तापी नदी में विसर्जन वर्जित है, सूरत नगर निगम प्रशासन हर साल दशमा और गणेश विसर्जन के लिए एक कृत्रिम झील बनाता है जिसमें प्रतीकात्मक विसर्जन के बाद प्रतिमा को सम्मानपूर्वक समुद्र में विसर्जित किया जाता है।
इस वर्ष भी श्रावण मास की शुरुआत के साथ ही शहर में दशमा पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। कुछ लोगों ने माताजी की मिट्टी की मूर्ति को आंगन में विसर्जित किया गया लेकिन अन्य लोगों ने नगरपालिका तैयार कि गयी कृत्रिम तालाबों पर विसर्जन किया। 
सूरत नगर पालिका ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में पांच कृत्रिम झीलों का निर्माण किया है। इसमें दशमा की मूर्ति विसर्जित की गई। सूरत के कतारगाम लंका विजय ओवारा में 3367 मूर्तियों का विसर्जन किया गया। जबकि अठवा जोन के डुमस में सबसे कम 423 मूर्तियां स्थापित की गईं। किस सरोवर में कितनी मूर्तियों का विसर्जन हुआ उसके बारे में दमकल विभाग से मिली जानकारी के  अनुसार शहर के सभी कृत्रिम तालमों में रात्रि के दौरान शांतिपूर्वक दशामां की प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ। डुमस घाट पर 423,  वीटी सर्कल वराछा जोन में 2721, कतारगाम लंका विजय घाट पर 3367 और डक्का घाट सेन्ट्रल जोन में 714 तथा रांदेर के रामजी घाट पर 952 प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ। इस प्रकार से शहर के सभी पांच कृत्रिम तालाबों पर कुल 8177 प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ। 
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