सूरत : खानपान के शौकीन शहरवासियों को गुणवत्तापूर्ण भोजन मिलता है या नही

सूरत में 44 हजार फूड लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं लेकिन इसके सामने खाद्य निरीक्षकों की संख्या मात्र 26 है

गुमास्ता एक्ट और लाइसेंस होने के बावजूद उसका उल्लंघन कर चल रही दुकानों की सत्ताधारी दल के नगर सेवक द्वारा शिकायत 
सत्तारूढ़ दल के पार्षद ने शिकायत की है कि सूरत नगर निगम क्षेत्र में खाद्य एवं गुमास्ता विभाग से लाइसेंस लेने के बाद भी दुकानदारों द्वारा इसका पालन नहीं किया जा रहा है और दुकानें नियमानुसार नहीं चल रही हैं। इसके अलावा खाद्य निरीक्षकों की कमी के कारण विभाग के प्रदर्शन पर भी सवाल खड़े हुए हैं।
सूरती भोजन प्रेमियों को गुणवत्तापूर्ण भोजन मिले इसके लिए नगर पालिका के खाद्य विभाग द्वारा समय-समय पर जांच की जाती है, लेकिन सूरत नगर पालिका में खाद्य निरीक्षकों की कमी के कारण खाद्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहा है। पिछली आम सभा में शासक पक्ष के नगर सेवक गेमर देसाई ने कहा कि सूरत शहर में खाने-पीने की दुकानों और प्रतिष्ठानों के लिए 44 हजार से ज्यादा फूड लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं और उससे भी ज्यादा दुकानों और स्टालों पर खाने-पीने का सामान बेचा जाता है। खाद्य विभाग द्वारा इन सभी दुकानों की समय-समय पर जाँच की जाती है कि भोजन की गुणवत्ता अच्छी है या नहीं, और नमूने भी लिए जाते हैं। लेकिन खाद्य विभाग के खाद्य निरीक्षकों की संख्या इस दुकान के खिलाफ काम करने के लिए पर्याप्त नहीं है। सूरत शहर में 44 हजार से ज्यादा लाइसेंस के खिलाफ सिर्फ 26 खाद्य निरीक्षक हैं। इसलिए, यह एक सवाल है कि क्या इसकी ठीक से जाँच की गई है।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि सूरत शहर में दो लाख से अधिक दुकानें हैं जिन्होंने गुमस्ता धारा का लाइसेंस लिया है। इन दुकानों को गुमास्ता एक्ट के तहत दुकान खोलना , बंद करना,  छुट्टी करनी होगी। लेकिन ज्यादातर दुकानें इन नियमों की धज्जियां उड़ा रही हैं। शिकायतें यह भी की जा रही हैं कि नियमों के उल्लंघन के कारण कारीगरों का शोषण किया जा रहा है, इसलिए उन्होंने नियमों का पालन करने की भी मांग की है।
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