‘हम-तुम कमरे में बंद हों और....’ वाली गाने की पंक्ति सूरत में सही चरितार्थ हुई, जानें फिर क्या हुआ!

‘हम-तुम कमरे में बंद हों और....’ वाली गाने की पंक्ति सूरत में सही चरितार्थ हुई, जानें फिर क्या हुआ!

बेडरूम का दरवाजा अचानक बंद होने से मुश्किल में फंसा परिवार, अंत में दमकल विभाग को दी गयी जानकारी

आपने स्वर्गीय ऋषि कपूर के पहले फिल्म और अपने समय में सुपरहिट तरही ‘बोबी’ फिल्म का वो गीत तो जरुर सुना होगा-‘हम-तुम कमरे में बंद हों और चाभी खो जाए!” वैसे तो यव गाना सुनने में बड़ा ही रोमांटिक लगता है पर जब हकीकत में ऐसा कुछ हो जाए तो लोगो की हालत ख़राब हो जाती है। ऐसा ही कुछ हुआ सूरत के सरथाना क्षेत्र में व्रज चौक के पास आये हरेकृष्ण रेजीडेंसी के सातवीं मंजिल के एक फ्लैट में, जहाँ फ्लैट का दरवाजा बंद होने से परिजन उसके अंदर फंस गए। अंततः दमकल विभाग को बुलाया गया। सातवीं मंजिल पर फंसे पति-पत्नी और उनके दो बच्चों को दमकल विभाग ने बचा लिया। आधे घंटे की मशक्कत के बाद दमकल विभाग ने परिवार को सुरक्षित ऊपरी मंजिल पर पहुंचा दिया।
आपको बता दें कि दंपति और उनके बच्चे हरेकृष्ण रेजीडेंसी की सातवीं मंजिल पर एक बेडरूम में थे। दोपहर में माता-पिता और बच्चे बेडरूम में आराम कर रहे थे। इसी बीच बेडरूम का दरवाजा अचानक बंद हो गया और उसका हैंडल भी टूट गया। जिससे वे बेडरूम से बाहर नहीं निकल पाए और दूसरी तरफ फ्लैट का दरवाजा भी बंद कर लिया। काफी मशक्कत के बाद भी दरवाजा नहीं खुला और आखिरकार दंपत्ति ने दमकल विभाग को फोन कर सूचना दी। दमकल विभाग ने त्वरित कार्यवाही की और आठवीं मंजिल तक जाकर सातवीं मंजिल पर बेडरूम में प्रवेश करने के लिए ग्रिल्ड खिड़की खोली। बिना दरवाजा तोड़े वे बेडरूम में घुस गए और बच्चों और दंपत्ति को एक साथ बाहर ले आए।
दमकल अधिकारी दीनू पटेल ने बताया कि फोन मिलते ही हम हरेकृष्ण रेजीडेंसी पहुंच गए। आम तौर पर हम दरवाजा तोड़ देते थे और अगर कोई फंसा हुआ होता तो बाहर निकल जाते लेकिन इस मामले में वे बेडरूम में थे। बेडरूम का ताला बंद था, चाबी बगल के कमरे में पड़ी थी और फ्लैट का मुख्य दरवाजा भी बंद था। ऊपरी मंजिल पर जाने के बाद हमने महसूस किया कि ग्रिल जो एक खिड़की है, आसानी से खोली जा सकती है, इसलिए दरवाजा तोड़ने के बजाय, दोनों बच्चों और माता-पिता को ग्रिल के माध्यम से आठवीं मंजिल पर लाया गया।
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