सूरत : बोगस बिलों पर व्यापार करने वाले बाज आएं, लेने के देने पड़ जाऐंगे!

सूरत : बोगस बिलों पर व्यापार करने वाले बाज आएं, लेने के देने पड़ जाऐंगे!

ब्याज सहित राशि वसूल की जाएगी और किस धारा के तहत कार्रवाई करनी होगी

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड यानी सीबीआईसी ने एक सर्कुलर जारी कर बताया है कि जीएसटी में सरदर्द बन चुके फर्जी बिलिंग में पांच साल तक कैसे कार्रवाई की जाए। यह स्पष्ट किया गया है कि फर्जी बिल खरीदने वाले व्यापारियों से कर, जुर्माना और ब्याज सहित राशि वसूल की जाएगी और किस धारा के तहत कार्रवाई करनी होगी। इससे अधिकारियों को अब फर्जी बिलिंग के मामले में और आसानी होगी।
सीबीईसी द्वारा किए गए स्पष्टीकरण के अनुसार, अब सारी जिम्मेदारी बिल लेने वालों पर आ जाएगी। अब तक विभाग फर्जी बिलों के सभी विक्रेताओं और खरीदारों से कर, जुर्माना और ब्याज वसूल करता था। हालांकि, स्पष्टीकरण के बाद, बिल बेचने वाले व्यापारी से बिल पर टैक्स के बराबर जुर्माना लगाया जाएगा। उदाहरण के लिए, अब तक जब A नाम का व्यापारी B नाम के व्यापारी को फर्जी बिल बेचते पकड़ा जाता था, तब विभाग A और B दोनों व्यापारियों से कर, जुर्माना और ब्याज वसूल करता था। हालांकि, हाल ही में जारी सर्कुलर पर सरकार की ओर से सफाई दी गई है। तदनुसार, जब बी नाम का व्यापारी ए नाम के व्यापारी से एक फर्जी बिल खरीदता है और आईटीसी जमा करता है, तो बी भी धारा 74 के अनुसार कर, जुर्माना और ब्याज का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है। विभाग उससे सारी वसूली करेगा। जब धारा 122 के अनुसार कर की राशि उस नाम के व्यापारी से जुर्माने की वसूली की जाएगी।
इसी प्रकार, यदि B नाम के व्यापारी ने A से माल खरीद कर C को बेच दिया है, तो C से कर, जुर्माना और ब्याज वसूल किया जाएगा, जबकि A और B व्यापारियों से कर की राशि के बराबर जुर्माना ही वसूल किया जाएगा। एक करोड़ रुपए से अधिक के मामले में दोनों पक्षों को कारावास का प्रावधान है।
Tags: GST