सूरत : शहर में भारी बारिश से 7 किमी सड़कें धुल गई , सभी हॉट मिक्स प्लांट शुरू हो गए

सूरत : शहर में भारी बारिश से 7 किमी सड़कें धुल गई , सभी हॉट मिक्स प्लांट शुरू हो गए

जिन जगहों की सड़कें बह गई वहा तीन दिन में ठेकेदारों की कीमत पर सड़कों की मरम्मत की जाऐगी

ऑनलाइन शिकायतें मिलीं, सड़क मरम्मत का काम युद्धस्तर पर शुरू हो गया है
सूरत शहर में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में कुल सात किलोमीटर सड़क बह गई। नगर पालिका द्वारा आज से तीन दिन में युद्धस्तर पर मरम्मत कार्य कराया गया है। जहां सड़क बह गई है, वहां ठेकेदारों के खर्चे पर सड़क की मरम्मत कराई जाएगी।
नगर आयुक्त बंचानिधि पाणि ने बताया कि सीजन की अब तक 883 मिमी बारिश हो चुकी है। जिससे कई सड़कें क्षतिग्रस्त स्थिति में हैं। लिहाजा आज से सभी सड़कों का सर्वे कर मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है। हॉट मिक्स प्लान्ट भी शुरू किया गया है। इसलिए तीन दिन में सभी सड़कों की मरम्मत कर दी जाएगी।  
नगर निगम द्वारा खराब सड़क की मरम्मत का कार्य आज से शुरू
लोगों द्वारा खराब सड़कों की नगर पालिका को ऑनलाइन शिकायत भी की गई। लोगों ने खराब सड़कों की शिकायत मेयर के डैशबोर्ड व्हाट्सएप नंबर और नगर निगम के आवेदन के जरिए की। खराब सड़कों को तत्काल लागू कर मरम्मत की जाएगी।
नगर आयुक्त बंधननिधि पाणि ने जानकारी देते हुए कहा कि सूरत शहर में पहले ही 883 मिमी बारिश हो चुकी है। मौसम की औसतन कुल वर्षा 1450 मिमी होती है। शहर में कुल 2817 किमी सड़कें विभिन्न क्षेत्रों में बनाई जा चुकी हैं इनमें से अलग अलग क्षेत्र में मिलाकर कुल 7 किमी सड़कें बारीश से क्षतिग्रस्त हो गई है। आज इन सभी सड़कों की मरम्मत शुरू कर दी गई है। अन्य सभी संयंत्रों को भी चालू कर दिया गया है। शहर के प्रमुख 72 जंक्शन हैं जहां सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं और मरम्मत शुरू कर दी गई है।  तीन दिनों में इन सभी सड़कों की मरम्मत करा दी जाएगी। 1064 मीट्रिक टन सामग्री का उपयोग कर कार्य किया गया है। मुख्य सड़कों की सीसी रोडिंग का काम शुरू कर दिया गया है। जिस स्थान पर सड़क धुल गई है, वहां के ठेकेदारों के खर्चे पर सड़क की मरम्मत कराई जाएगी।  गैर डीएलपी (डिफेक्ट लाईबिलिटी पिरियड)  सड़कों में नगर पालिका वहन करेगी खर्च, डीएलपी रोड का काम ठेकेदार के खर्चे पर कराया जाएगा। सीसी सड़कों का निर्माण खासकर उन जगहों के आसपास किया जाएगा जहां बड़े घेरे आए हैं। 
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