सूरत: साड़ी और ड्रेस मटेरियल्स के बाद अब कपड़ा व्यापारी रेडीमेड गारमेंट की ओर मुड़े

सूरत: साड़ी और ड्रेस मटेरियल्स के बाद अब कपड़ा व्यापारी रेडीमेड गारमेंट की ओर मुड़े

आने वाले समय में रेडीमेड कपड़ो का हब बन जायेगा सूरत

साड़ी और ड्रेस मटेरियल के बाद अब सूरत के उद्योगपतियों को तैयार कपड़ों (रेडीमेड) भी सफलता मिल रही है। साड़ी और ड्रेस का कपड़ा बनाने के बाद अब सुरत के उद्योगपति बने बनाएं या रेडीमेड परिधान की ओर रुख कर रहे हैं। साड़ी और ड्रेस मटेरियल जैसे रेडीमेड कपड़े खरीदने के लिए दूसरे राज्यों के व्यापारी भी सूरत आ रहे हैं। सूरत में लेडीज वेयर का सारा सामान उद्योगपति बना रहे हैं। ऐसे में सूरत के गारमेंट इंडस्ट्री का टर्नओवर 1000 करोड़ से ऊपर पहुंच गया है। 
आपको बता दें कि कोलकाता, जयपुर, मुंबई और अहमदाबाद वर्तमान में रेडीमेड कपड़ों के प्रमुख बाजार हैं। हालांकि सूरत के उद्योगपतियों ने महज चार साल में गारमेंट की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है और अपना ब्रांड बना लिया है उद्योगपतियों का कहना है कि देश में 75 फीसदी कपड़े सूरत में बनते हैं। कुछ साल पहले, सूरत के उद्योगपति कपड़े का उत्पादन और बिक्री करते थे और कपड़ा निर्माता यहाँ के निर्माताओं से ग्रे खरीदते थे और उसका उपयोग वस्त्र बनाने के लिए करते थे। हालांकि अब सूरत के कपड़ा उद्योगपति एक कदम आगे आ गए हैं और खुद ही कपड़े बना रहे हैं।
गौरतलब है कि चार साल पहले सूरत में 50 से भी कम गारमेंट निर्माता थे। अब यह संख्या 600 तक पहुंच चुकी हैं। सूरत में बने वस्त्र देश के सभी राज्यों में व्यापारियों द्वारा खरीदे जाते हैं।  इसे विदेशों में भी निर्यात किया जाता है। गारमेंट निर्माताओं ने सूरत में भारी निवेश किया है और उद्योग का मानना ​​है कि सूरत अगले आठ से दस वर्षों में गारमेंट हब बन जाएगा।
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