सूरत : अब से बोरिंग द्वारा भूगर्भ जल के उपयोग के लिए लेनी होगी मंजूरी, जलस्तर नीचे जाने के कारण लिया गया ये फैसला

सूरत : अब से बोरिंग द्वारा भूगर्भ जल के उपयोग के लिए लेनी होगी मंजूरी, जलस्तर नीचे जाने के कारण लिया गया ये फैसला

अगर कोई बिना एनओसी के भूजल का उपयोग करता हुआ पाया गया तो उपयोगकर्ता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी

सूरत शहर या जिले में आवासीय अपार्टमेंट, उद्योग, खनन वितरक या स्विमिंग पूल निर्माता जो बोरिंग खोदकर भूजल ले रहे हैं। उन सभी को केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) से अनिवार्य मंजूरी लेनी होगी। ये कदम जमीन से बेतरतीब पानी के उपयोग की चल रही गतिविधि पर ब्रेक लगाने के लिए उठाया गया है।
आपको बता दें कि सूरत शहर सहित जिले में कृषि भूमि घट रही है और इसके समें उद्योग बढ़ रहे हैं। इन उद्योगों के विकास के साथ-साथ प्रदूषण की समस्या तो बनी ही हुई है। साथ-साथ बोरिंग कर जमीन से पानी निकालने की गतिविधि चल रही है। इससे पानी का स्तर भी दिन-ब-दिन गिरता जा रहा है। यदि ऐसी स्थिति बनी रहती है, तो सूरत जिले की स्थिति भी भविष्य में सौराष्ट्र के समान हो जाने पर आश्चर्य नहीं होगा।
ऐसे में केंद्रीय भूजल प्राधिकरण की ओर से एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया है। जिसमें बोरिंग के पानी का इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों को भूजल निकालने के लिए सीजीडब्ल्यूए की मंजूरी लेनी होगी। मौजूदा उपयोगकर्ताओं को जल्द से जल्द 10,000 रुपये का भुगतान करना 30 सितंबर तक पूरा आवेदन पत्र कार्यालय में जमा करना होगा। साथ ही चेतावनी दी गई है कि अगर कोई बिना एनओसी के भूजल खींचता रहा तो उपयोगकर्ता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। और खींचा गया भूजल अवैध माना जाएगा।रुपये का भुगतान करना होगा। साथ ही चेतावनी दी गई है कि अगर कोई बिना एनओसी के भूजल का उपयोग करता हुआ पाया गया तो उपयोगकर्ता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही खींचा गया भूजल अवैध माना जाएगा।
ऐसे में अब से भूजल के लिए भी अनुमति लेनी होगी। ऐसा करने के पीछे मुख्य कारण भूजल स्तर के नीचे जा रहे पानी के बड़े पैमाने पर उपयोग पर ब्रेक लगाना है।
अगर बात करें कि किन किन को मंजूरी लेनी पड़ेगी तो आवासीय अपार्टमेंट, समूह आवास समितियां, शहरी क्षेत्र सरकारी जल वितरण एजेंसी, थोक जल वितरकों, औद्योगिक इकाइयों, खनन परियोजनाओं, स्विमिंग पूल, पीने और घरेलू उपयोग सहित सभी भूजल उपयोगकर्ता को मंजूरी लेना अनिवार्य है।
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