सूरत : रूस और यूक्रेन के बीच जंग में सूरत के 25 हजार रत्कलाकार हुए बेरोजगार

सूरत :  रूस और यूक्रेन के बीच जंग में सूरत के 25 हजार रत्कलाकार हुए बेरोजगार

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के चलते रफ डायमंड इंपोर्ट में गिरावट आई है, जिससे बाजार में हीरा कारोबार में भी मंदी देखी जा रही है

 रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी से चल रहे युद्ध का खामियाजा अब भारत भुगत रहा है। जानकारी के अनुसार, युद्ध ने भारतीय शहर सूरत में हीरे के कारोबार को भी प्रभावित किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के चलते रफ डायमंड इंपोर्ट में गिरावट आई है। जिससे बाजार में हीरा कारोबार में भी मंदी देखी जा रही है। इस मंदी के कारण सूरत में करीब 25000 रत्नकलाकार बेरोजगार हो गए हैं।
उल्लेखनीय है कि देश में 65 प्रतिशत कच्चे हीरे रूस से आयात किए जाते हैं। यहां का हीरा कारोबार 100 फीसदी आयात पर आधारित है। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद अब घरेलू बाजार में हीरों की कमी हो गई है। देश में रफ डायमंड रेवेन्यू में 29 फीसदी की गिरावट आई है। हीरा आयात में गिरावट का सीधा असर कारोबार पर पड़ा है। जिससे गुजरात के सूरत में 25 हजार कारीगर बेरोजगार हो गए हैं। जहां काम चल रहा है वहां काम के घंटे भी घटकर 8 से 6 रह गए हैं। हीरा कारोबारियों ने कारीगरों को एक की जगह दो दिन की छुट्टी देनी शुरू कर दी है। आपको बता दें कि भारत रूस से सालाना 75,000 करोड़ रुपये के हीरे आयात करता है, लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से इसमें गिरावट आई है।
गुजरात के उत्तर गुजरात, सूरत और सौराष्ट्र क्षेत्रों में रफ डायमंड पॉलिशिंग का कारोबार बड़े पैमाने पर चल रहा है। जीजेईपीसी का कहना है कि उद्योग का पुराना स्टॉक भी खत्म हो रहा है। कच्चे हीरे का आयात बंद होने से फैक्ट्रियां बंद हो गई हैं। गुजरात में हीरे की कटिंग और पॉलिशिंग की 8000 से अधिक इकाइयां हैं। देश के लगभग 75 प्रतिशत कच्चे हीरे अकेले सूरत से आयात किए जाते हैं। यहां उत्पादित हीरे संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात और हांगकांग जैसे देशों में बेचे जाते हैं। जिसमें से पॉलिश हीरों का सबसे बड़ा खरीदार अमेरिका है।
जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष से मार्च तक भारत के 24 अरब डालर के कट और पॉलिश किए गए हीरे के निर्यात में अमेरिका का हिस्सा 40 प्रतिशत से अधिक था। परिस्थिति को देखते हुए गुजरात डायमंड वर्क्स युनियन ने गुजरात के मुख्यमंत्री को बेरोजगार हुए रत्नकलाकारों के लिए  दस अरब रुपये की राहत पैकेज की मांग की है।
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