सूरत : पुष्य नक्षत्र और हर्षण योग में अपने भक्तों से मिलने नगर में जायेंगे भगवान जगन्नाथ, शहर में पांच-पांच रथ यात्रा

सूरत : पुष्य नक्षत्र और हर्षण योग में अपने भक्तों से मिलने नगर में जायेंगे भगवान जगन्नाथ, शहर में पांच-पांच रथ यात्रा

कोरोना के कारण दो सालों से नहीं निकली रथ यात्रा

अगले शुक्रवार यानी 1 जुलाई को हिंदू समुदाय में बहुत महत्वपूर्ण आषाढ़ी बिज का रंगारंग उत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस बीच दशकों से चली आ रही परंपरा के अनुसार भगवान स्वयं बस्ती में जाकर भक्तों से मिलेंगे। शुक्रवार को भगवान नागराचार्य पुष्यनक्षत्र और व्याघाट हर्षन योग करेंगे। कोरोना के दो साल बाद भगवान जगन्नाथ के भव्य जुलूस की तैयारियां चल रही हैं। अकेले सूरत में ही पांच रथयात्राएं होती हैं।
ज्योतिषी के अनुसार 1 जुलाई शुक्रवार को आषाढ़ सूद बीज की तिथि दोपहर 1.10 बजे तक है. शनिवार को सुबह 5.56 बजे तक पुष्य नक्षत्र है। जबकि शुक्रवार को सुबह 10 बजकर 46 मिनट तक व्याघाट योग है और उसके बाद हर्षन योग है। इस प्रकार शुक्रवार को पुष्यनक्षत्र और व्याघाट-हर्षण योग में भगवान जगन्नाथ स्वयं बलराम और सुभद्रा के साथ बस्ती में निकलेंगे। हर साल भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का पर्व मनाया जाता है।
एक पौराणिक कथा के अनुसार, बहन सुभद्रा ने भगवान जगन्नाथजी के साथ द्वारका जाने की इच्छा व्यक्त की थी। परिणाम यह हुआ कि भगवान सुभद्रा को रथ से यात्रा कराई गई। इसके अलावा भी रथयात्राएं से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं। रथयात्रा के लिए तीन रथ तैयार किए गए हैं। बलरामजी का 18 पहियों वाला तलध्वज रथ सबसे आगे है। कृष्ण का नंदीघोष या गरुध्वज 16 पहियों वाला दूसरा और सुभद्रा का 12 पहियों वाला रथ तीसरा है। भगवान की बस्ती के साथ ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को दर्शन के दर्शन भी होंगे।
बता दें कि 1 जुलाई को आषाढ़ बीज के पावन अवसर पर गुजरात गैस सर्किल से ऋषभ चार रस्ता होते हुए रांदेर मेन रोड, तड़वाड़ी चार रस्ता, पालनपुर पाटिया, रामनगर चार रस्ता, मोरा भागल चार रस्ता, सिकोतर माता मंदिर से डभोली ब्रिज होते हुए इस्कॉन सर्किल से इस्कॉन मंदिर तक जगन्नाथ रथ यात्रा निकलेगी। ऐसे में सूरत शहर में निकलने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित की जा सके इसको लेकर सूरत शहर पुलिस ने भी पूरी तैयारी कर रखी है।