सूरत : कृषि विभाग कुम्भकर्ण निंद्रा से उठकर जिले में नकली बिज की तलाशी करे : दर्शन नायक

सूरत : कृषि विभाग कुम्भकर्ण निंद्रा से उठकर जिले में नकली बिज की तलाशी करे : दर्शन नायक

किसान मानसून से ठीक पहले बीज खरीदते हैं, ऐसे समय में भेजाबाज डुप्लीकेट माल न थमा जाए यह देखना जरूरी है, सूरत जिला व्यवस्था का संचालन सबसे नीचे है, अंतरजिला दस्ते की नजर पडेगी तभी नकली बीज के धंधे का पर्दाफाश होगा

उर्वरक बीज कीटनाशकों की दुकानों का परीक्षण किया जाए यह जरूरी है 
सूरत जिले में मानसून की शुरुआत के साथ, छोटे और बड़े किसानों की फसलों के लिए उपयुक्त बीज उर्वरक और कीटनाशक बड़ी मात्रा में खरीदे जा रहे हैं। बढ़ती मांग के मुकाबले अधिक लाभ कमाने के लिए, कुछ विक्रेता मिलावटी बीज बोने के तौर-तरीकों को अपना रहे हैं। निम्न क्वोलिटी के बिज में लाल पावडर मिश्रीत करके अलग कंपनी के नाम से पेकिंग करके ग्रामिण क्षेत्र में बिज बेचा जा रहा है। अंत में किसानों को आर्थिक नुकसान सहन करने की बारी आती है।  ऐसी स्थिति में जिला कृषि विभाग अपनी कुंभकर्णी निंद्रा से उठकर विक्रेताओं के यहा जांच सर्वे करे ऐसी मांग सहकारी एवं किसान नेता दर्शन नायक द्वारा कि गई है। 
आगे के विवरण के अनुसार, जब आज सुबह दक्षिण गुजरात में नकली बीज बेचे जा रहे हैं, घोड़ों को छोड़े जाने के बाद अस्तबलों को बंद करने के बजाय, सूरत जिले के कृषि विभाग कुंभकर्ण की नींद को छोड़कर सर्च ऑपरेशन करना अनिवार्य हो गया है। जिला किसान सख्त कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।
दर्शन नायक के अनुसार, सूरत जिले में अधिकांश खेतों में धान, गन्ना, हरी सब्जियां की फसलें मानसून के मौसम में बोई जाती हैं। हरी पतझड़ के साथ-साथ अन्य फसलें भी मानसून के मौसम में बोई जाती हैं ताकि बाजार में बीजों का नियमित प्रवाह हो। कुछ विभाग कम गुणवत्ता वाले बीजों का फायदा उठाकर अधिक दामों में बेच रहे हैं। पूर्व में भी जब राज्य में नकली बीजों का ऐसा कांड सामने आया था, तो चर्चा है कि कुछ विभाग इस साल भी नकली बिज बेच रहै है। किसानों के यहा बिज की तलाश के लिए अधिकारी ‌निकले हैं। सरकार द्वारा अनुदानित बीज भी बीज निगम के माध्यम से किसानों को बेचे जाते हैं लेकिन बिक्री से पहले बीज की आवश्यकता होती है। किसान खुले बाजार से खरीदते हैं। किसानों को खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है।  विभिन्न फसलें के बीज में भी कई किस्में उपलब्ध हैं । हर कंपनी और विक्रेता किसानों को बता रहा है कि उनका माल सबसे अच्छा है। कुछ लाभार्थी पुराने और घटिया सामान किसानों तक पहुंचाने में संकोच नहीं करते हैं। लेकिन गौर करने वाली बात है कि इस समय राज्य के कई जिलों में बीज उपलब्ध हैं। अंतर-जिला उर्वरक दस्ते द्वारा निरीक्षण के दौरान पता चला है कि कई विक्रेताओं को नोटिस देने और लाखों सील करने के अलावा अन्य जिलों में कीटनाशकों और उर्वरकों के नमूने भी प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। शासकों और व्यवस्था ने कहा कि सूरत का कृषि विभाग अभी भी कार्रवाई के लिए पल का इंतजार कर रहा है। हालांकि पिछले कुछ समय से सूरत जिले के कृषि विभाग का काम सबसे नीचे है, यहां तक ​​कि शासक भी कृषि विभाग का उपयोग नहीं करते हैं। इस मामले में दर्शन नायक ने किसानों के हित में जिले में तत्काल तलाशी अभियान की मांग की है। 

Tags: