सूरत :एपीएमसी में आधा हुआ आम का राजस्व, खराब मौसम से दक्षिण गुजरात में आम की फसल को नुकसान

सूरत :एपीएमसी में आधा हुआ आम का राजस्व, खराब मौसम से दक्षिण गुजरात में आम की फसल को नुकसान

कैरी के राजस्व में इस बार गिरावट के साथ, हर साल की तुलना में इस बार एपीएमसी में खरीदारी भी प्रभावित हुई है

50 टन के बजाय अब 25 टन ही आ रहे हैं हाफुस, केसर और लंगड़े आम दुर्लभ है
बारिश का मौसम शुरू होने के बाद भी बाजार अभी तक संभल नहीं पाया है। सूरत एपीएमसी को पिछले साल हर दिन 50 टन आम मिलता था। लेकिन बेमौसम बारिश और खराब मौसम के कारण इस साल हर दिन एपीएम में 25 टन आम ही आ रहे हैं। सूरत में आम खासकर दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र से आते हैं। सौराष्ट्र में आंधी के कारण आम गिरे। नतीजा सौराष्ट्र से भी सूरत में पिछले साल के मुकाबले 30 से 40 फीसदी आम ही आ रहे हैं, जिससे हाफस, केसर, लंगाडो और राजापुरी समेत आमों की खरीद प्रभावित हुई है।
पिछले 4 दिनों से तेज हवाएं चल रही हैं। जिससे आम की फसल पर असर पड़ा है। हवा चलने से छोटे-छोटे आम ​​आमों से गिर पड़े हैं। सूरत एपीएमसी को इस साल रोजाना 25 टन आम मिलता था। लेकिन तेज हवाओं के चलते आमों से बड़ी मात्रा में आम गिरे हैं। इसलिए पिछले चार दिनों से 35 टन आम आ रहे हैं। एपीएमसी के निदेशक ने कहा, बेमौसम बारिश और जलवायु परिवर्तन के कारण विभिन्न फसलों को नुकसान पहुंचा है। हर साल की तुलना में इस साल आम की फसल 50 फीसदी कम है। पिछले साल के मुकाबले इस बार एपीएमसी बाजार में सिर्फ 35 टन आम आ रहे हैं।
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