
सूरत : सचिन में लगी असली और नकली हीरा पहचानने वाली मशीन
By Loktej
On
एजेंसी को हुआ असली नकली के फर्क के कारण 600 करोड़ रुपये के घोटाला
सचिन स्थित सूरत एसईजेड में एक राजस्व एजेंसी ने 50 लाख रुपये की लागत से हीरे का पता लगाने वाली मशीन स्थापित की है। देश में ऐसा पहली बार पहली बार, डायमंड नेचुरल एकमात्र सूरत एसईजेड है जो सिंथेटिक को सत्यापित करने के बाद ही हीरे और हीरे के आभूषणों का आयात और निर्यात कर सकता है। ऐसा एजेंसी ने प्राकृतिक हीरे में लैबग्रोन डायमंड की अशुद्धता से जुड़े 600 करोड़ रुपये के घोटाले के बाद किया। इस मशीन के माध्यम से विदेशों से आयातित कच्चे और आयातित हीरे और आभूषण (डायमंड एंड ज्वैलरी) प्राकृतिक हीरे से बनाए जाते हैं या सिंथेटिक हीरे से जाने जाते हैं।
सचिन के सूरत एसईजेड के विकास आयुक्त वीरेंद्र सिंह ने कहा कि अगर हीरे की जांच के लिए मशीन लगाई जाए तो प्राकृतिक और सिंथेटिक हीरे के बीच अंतर आसानी से पता लगाया जा सकता है। यह विशेष व्यवस्था देश के एसईजेड में से एक सचिन एसईजेड में की गई है। यहां की 80 फीसदी इकाइयां जेम एंड ज्वैलरी की हैं। इस मशीन की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि आयातित हीरे की प्रत्येक पार्सल इकाई में एक सील पैक होता है। इसी तरह निर्यात माल भी सीलबंद पैक हैं। इसे खोला नहीं जा सकता क्योंकि इसे निर्यात करना है। हीरे के पार्सल में असली हीरे होते हैं, फिर लैबग्रोन हीरे, जिनका उपयोग यह पता लगाने के लिए किया जा सकता है कि गहनों में कौन से हीरे हैं। इस मशीन के संचालन में सीमा शुल्क अधिकारी वर्तमान में प्रशिक्षण ले रहे हैं।यह सेवा आने वाले दिनों में चालू हो जाएगी।
Tags: