सूरत : एक समय सिर्फ यूरोप में बनता था ये कपड़ा, आज सूरत-अहमदाबाद में सबसे ज्यादा उत्पादन

सूरत : एक समय सिर्फ यूरोप में बनता था ये कपड़ा, आज सूरत-अहमदाबाद में सबसे ज्यादा उत्पादन

'टेक्सटाइल वीक' के हिस्से के रूप में दक्षिणी गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के ग्लोबल फैब्रिक रिसोर्स एंड रिसर्च सेंटर द्वारा आयोजित 'शटललेस लूम्स से बने नए कपड़े' पर एक सत्र को संबोधित करते हुए अल्ट्रा डेनिम के जीएम जीएस कुलकर्णी ने कहा कि अहमदाबाद और सूरत भारत में डेनिम उत्पादन में क्रमशः पहले और दूसरे स्थान पर हैं। फैशन उद्योग में डेनिम कपड़े बहुत लोकप्रिय हैं। पहले इसका ज्यादातर उत्पादन यूरोपीय देशों में होता था, लेकिन अब भारत, बांग्लादेश और चीन डेनिम हब बन गए हैं। अल्ट्रा डेनिम कंपनी डेनिम का 60 से 65 प्रतिशत निर्यात भी करती है। डेनिम उद्योग कपास बेस है। लेकिन सामान्य पॉलिएस्टर, फिलामेंट, लाइक्रा वेस्ट में चलता है।
डेनिम इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा एयरजेट लूम्स चलते हैं। एयरजेट लूम्स के माध्यम से उच्चतम उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। एक लूम प्रतिदिन 700 से 800 मीटर उत्पादन कर सकता है। इसमें कम बिजली का उपयोग किया जाता है और कम शोर होता है। साथ ही कारीगरों की जरूरत भी कम पड़ जाती है। एक कारीगर आठ मशीनों को आसानी से संचालित कर सकता है। इसमें यांत्रिक खराबी कम है और उच्च कार्य कुशलता के साथ सफलता का अनुपात 35% है। उन्होंने उद्योगपतियों को शेडिंग मैकेनिज्म, वेट इंसर्शन मैकेनिज्म और एयर नोजल के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
चैंबर के अध्यक्ष आशीष गुजराती ने कहा कि सिंथेटिक कपड़ा सूरत की ताकत है। सूरत में हर दिन कम से कम 10 हजार नए डिजाइन बनते हैं। वॉटरजेट लूम्स पर प्राकृतिक धागे नहीं चलते हैं। जबकि पॉलिएस्टर, नायलॉन, पॉलिएस्टर स्पिन और पॉलिएस्टर स्टेपल यार्न वॉटरजेट लूम्स पर चलते हैं। सूरत में वर्तमान में लगभग 60,000 वॉटरजेट लूम्स हैं और अगले पांच वर्षों में 1।20 लाख अन्य वॉटरजेट लूम्स आएंगे। इससे वॉटरजेट करघों की संख्या 1।80 लाख हो जाएगी। वर्तमान में चीन में 8 लाख वॉटरजेट लूम चल रहे हैं।