सूरत : सिविल अस्पताल के चिल्ड्रन वार्ड में 15 दिन से एसी बंद, मरीज के परिजन घर से पंखा लाने को मजबूर

सूरत : सिविल अस्पताल के चिल्ड्रन वार्ड में 15 दिन से एसी बंद, मरीज के परिजन घर से पंखा लाने को मजबूर

सूरत के सिविल अस्पातल प्रशासन पर है कि मरीजों की शिकायतों का समाधान नहीं हो रहा है

व्यवस्था की लापरवाही का शिकार हो रहे मरीज व परिजन
शहर में एक तरफ तो गर्मी बहुत बढ़ रही है। सूरत के सिविल अस्पताल के अंदर बच्चों के एनआईसीयू और पीआईसीयू विभागों में एसी और पंखे 15 दिनों से बंद हैं। परिवार नवजात बच्चों के लिए घर से पंखे लाने को मजबूर हो गया है। शिकायत के बावजूद सिविल अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। सिविल अधीक्षक ने बताया कि शिकायत मिलते ही दो एसी का आदेश दिया गया। हालांकि एक एसी खराब बनकर लौटा है। इस समस्या का तत्काल समाधान किया जाएगा।
राज्य में एक तरफ भीषण गर्मी पड़ रही है। इस गर्मी से लोग बेचैनी महसूस रहे हैं। बार-बार विवादों में रहने वाले सिविल अस्पताल को लेकर एक और विवाद खड़ा हो गया। सूरत के सिविल अस्पताल के अंदर पीआईसीयू है, जो नवजात बच्चों के लिए एक गहन देखभाल इकाई है। यहां एसी बंद है इसका खामियाजा नवजात शिशुओं और उनके माता-पिता को भुगतना पड़ रहा है। पहले मरीज अस्पताल की फाइल हाथों से हिलाकर हवा लेते थे। इसकी शिकायत से समस्या का समाधान नहीं हुआ। इसलिए माता-पिता अब अपने नवजात बच्चे के लिए घर से पंखा ला रहे हैं।
बाल रोगी के एक रिश्तेदार कृपाबेन ने कहा कि उनका बेटा इलाज के लिए वेंटिलेटर पर था। हम यहां पिछले 15 दिनों से इलाज करा रहे हैं। 15 दिन से एसी बंद है। एक पंखा है लेकिन इसकी हवा पूरे वार्ड तक नहीं पहुंच पाती है। हमने पहले फाइल से हवा निकाली ताकि बच्चे को हवा मिल सके। लेकिन नहीं, हम घर से एक पंखा लेकर आए हैं। हवा के बिना यहां बच्चे कैसे रह सकते हैं? इस गर्मी के कारण यहां बच्चों की जान भी खतरे में है। न्यू सिविल अस्पताल के अधीक्षक गणेश गोवेकर ने बताया कि 19 अप्रैल को शिकायत मिलने के तुरंत बाद दो नए एसी की व्यवस्था की गई। यह बात भी संज्ञान में आई है इसलिए दो दिन में यह समस्या दूर हो जाएगी।

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