सूरत : बेमौसम बारिश से दक्षिण गुजरात के किसानों को 500 करोड़ का नुकसान

सूरत  : बेमौसम बारिश से दक्षिण गुजरात के किसानों को 500 करोड़ का नुकसान

किसानों ने नुकसान का जायजा लिया और राहत पैकेज की मांग की

बेमौसम बारिश से कम होगी फूलों की फसल
किसानों की आय दोगुनी करने के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार की ओर से योजनाओं को लागू करने की बात हो रही है। किसानों को विश्वास होने पर डांग, वलसाड, नवसारी, सूरत और तापी जिलों की बागवानी फसलों की तुलना में इस क्षेत्र में किसानों द्वारा अधिक प्रगति की जा सकती है। नतीजतन, दक्षिण गुजरात में 70 हजार हेक्टेयर में बागवानी फसलें लगाई गई हैं। जिसमें सबसे अधिक आम की फसल अधिक होती है। आम की फसल को हुए नुकसान को लेकर मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में मदद मांगी गई है। 
आम की अधिक फसल प्राप्त करने के लिए किसानों द्वारा समय-समय पर संवारने, खाद, पानी, दवा का छिड़काव किया जाता है। लेकिन साल भर समय-समय पर बादल छाए रहने और बेमौसम बारिश के कारण मोड फूल और मोरया नहीं बैठता, इस साल बमुश्किल 30 प्रतिशत फसल और यहां तक ​​कि सबसे कमजोर फसल भी मिल रही है। उस समय बागबानी आम की फसल पर निर्भर रहने वाले किसान परिवार की स्थिति बहुत खराब हो गई थी।
प्रमुख किसान जयेश पटेल ने कहा कि किसानों को महंगाई और बेमौसम बारिश और अप्राकृतिक मौसम का खामियाजा दोनों तरफ भुगतना पड़ रहा है। वहीं सरकार हमेशा राज्य के हर नागरिक के परेशानी में खड़ा रहता है।  हर क्षेत्र में सरकार हमेशा चिंतित रहती है। उस समय बेमौसम बारिश और प्रतिकूल मौसम के कारण दक्षिण गुजरात की आम की फसल को 500 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान होने वाला है। जो एक साधारण किसान परिवार के लिए बेहद असहनीय है। बागवानी विभाग के लिए युद्ध स्तर पर दक्षिण गुजरात के आम के खेतों का सर्वेक्षण करा कर 'सरकार  जगत के तात यानी किसानों को आर्थिक पैकेज जारी करे। 
Tags: