सूरत : ताकि अपराधों पर लगे लगाम; कैदियों के अनुभवों की वीडियो अपील से जागरूकता फैलाने का रेंज आईजी का अनुकरणीय प्रयोग

कई बार आवेश में आकर हम कोई ऐसी भूल कर जाते हैं, जो हमारे साथ-साथ हमारे परिवार को भी कष्ट देती है। हालांकि क्षणिक आवेश में किए गए गलती के कारण हमारे परिवार को आने वाले कई सालों तक आर्थिक तथा सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस व्यथा का चलचित्र लेकर जेल के कैदियों का एक ह्रदय स्पर्शी वीडियो बनाकर रेंज आईजी राजकुमार पांडियन द्वारा लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का काम किया जा रहा है। दक्षिण गुजरात में अलग-अलग राज्यों के रहने वाले लोगों के लिए इस वीडियो को छह भाषा में डब भी किया गया है। 
रेंज आईजी राजकुमार पांडियन द्वारा इस बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि दक्षिण गुजरात में देश के सभी हिस्सों में से लोग रोजगार के लिए आते हैं इनमें से कई लोग तो ऐसे होते हैं जो गुजराती तो ठीक पर हिंदी भी ढंग से नहीं बोल पाते हैं। कई बार विभिन्न मामलों में परप्रांतीयों के शामिल होने की घटनाएं भी सामने आती है। ऐसे में उन सभी में जागरूकता लाने के लिए उन्होंने कैदियों का यह वीडियो तैयार किया। जिसे तेलुगू, मलयालम, ओरिया, मराठी, बंगाली तथा सिंधी भाषा में भी डब किया गया है। वीडियो को देखने वाला हर कोई उसकी तारीफ कर रहा है। कई अन्य राज्यों की पुलिस ने भी इस वीडियो को देखा और खुद भी उसे अपनाने का निर्णय किया है।
इसके अलावा, गांव में रहने वाले लोगों की समस्या को आसानी से हल कर सकने के लिए पुलिस 15 दिन तक गांवों में अपना बसेरा कर उनका सर्वे करने की योजना भी कर रही है। गामदूत योजना अंतर्गत पुलिस द्वारा एक खास ऐप भी लॉन्च कराई जा रही है। जो कि वलसाड, नवसारी, तापी, डांग तथा सूरत जैसे ग्रामीण विचारों में काम करने वाले 2000 से भी अधिक पुलिस जवानों को ट्रेनिंग दी जा रही है। हर कोई पुलिस के साथ जुड़ सके, पुलिस को माहिती दे सके तथा अपनी तरफ से पुलिस की सहायता कर सकें इसलिए पुलिस द्वारा वी-कोप एप लौच किया गया है।