सूरत : 8 घंटे की घोषणा के बाद 6 घंटे ही बिजली आपूर्ति, खड़ी फसल को लेकर किसान चिंतित

सूरत : 8 घंटे की घोषणा के बाद 6 घंटे ही बिजली आपूर्ति, खड़ी फसल को लेकर किसान चिंतित

अगर किसानों को पर्याप्त बिजली नहीं मिली तो आंदोलन का संकेत है किसान अग्रणी

राज्य के ऊर्जा मंत्री द्वारा बिजली के प्रावधान की घोषणा झुठ साबित हुई 
 दक्षिण गुजरात के किसानों ने सरकार से आठ घंटे बिजली की मांग की। बिजली नहीं रहने से ग्रीष्म कालीन फसलों को भारी नुकसान होने की आशंका है। गन्ना, धान, सब्जियों और बागवानी फसलों को नुकसान की संभावना से भी किसान चिंतित है। दक्षिण गुजरात के किसानों द्वारा सरकार को बार-बार अभ्यावेदन के बाद दक्षिण गुजरात के ऊर्जा मंत्री मुकेश पटेल ने घोषणा की कि किसानों को किसी भी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। किसानों को पर्याप्त बिजली मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने सभी किसानों को आठ घंटे बिजली देने का ऐलान किया था। लेकिन आज बिजली कंपनियों द्वारा किसानों को सिर्फ छह घंटे बिजली देने की घोषणा के साथ ही किसानों का एक बार फिर आंदोलन देखने को मिल रहा है। 
एक अप्रैल को डीजीवीसीएल समेत बिजली कंपनियों ने आठ घंटे बिजली देने का ऐलान किया था। दक्षिण गुजरात में सभी फीडरों की व्यवस्था कर दी गई है। इसके जरिए किसानों को बिजली पहुंचाने की बात कही गई। इसके लिए किसानों ने राज्य सरकार का धन्यवाद भी किया। लेकिन आज किसानों को आठ घंटे की जगह छह घंटे बिजली देने की घोषणा से दक्षिण गुजरात के किसानों को डर है कि बिजली न होने से उनकी फसल खराब हो जाएगी। 
सहकारिता नेता दर्शन नायक ने कहा कि सरकार ने महज 10 दिनों में अपनी घोषणा से विपरीत स्थिति दिखाई है। एक अप्रैल को राज्य के ऊर्जा मंत्री ने आठ घंटे बिजली देने की घोषणा की थी और अब बिजली कंपनी ने छह घंटे बिजली देने की घोषणा इस तरह की है कि किसानों को धोखा दिया है। जिससे गन्ना बागवानी फसल को धान की फसल को भारी नुकसान हो सकता है। आने वाले दिनों में पूरे दक्षिण गुजरात के किसान रैली के रूप में डीजीवीसीएल कंपनी के पास जाएंगे और इस मुद्दे पर आंदोलन शुरू करेंगे। 

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