सूरत : तापी जिले में 58 स्कूल ऐसे हैं जहां सिर्फ एक शिक्षक है, छात्र स्कूल में कैसे पढ़ेंगे?

सूरत  :  तापी जिले में 58 स्कूल ऐसे हैं जहां सिर्फ एक शिक्षक है, छात्र स्कूल में कैसे पढ़ेंगे?

शिक्षकों की स्थायी कमी के चलते अभिभावकों को भी अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है

राज्य भर में 700 स्कूल एक शिक्षक द्वारा चलाए जा रहे हैं। सरकार ने खुद गुजरात विधानसभा में घोषणा की है कि अकेले कच्छ में 100 में से अधिकांश स्कूल एक शिक्षक द्वारा चलाए जा रहे हैं।  राज्य भर के विभिन्न स्कूलों में रियलिटी चेक के दौरान तापी जिले के लगभग 58 स्कूल भी एक शिक्षक द्वारा संचालित पाए गए। साथ ही राज्य में कई ऐसे स्कूल हैं जहां कमरों की कमी है। तापी जिले में भी शिक्षक भर्ती की लंबी अवधि के कारण 400 से अधिक शिक्षकों की स्थायी कमी है, जिसके परिणामस्वरूप जिले में पहली से पांचवीं कक्षा के 58 स्कूल केवल एक शिक्षक के सहारे चल रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि छात्र स्कूल में कैसे पढ़ेंगे।
 व्यारा और तापी के वालोद तालुका के विभिन्न स्कूलों में जाकर जांच किया। यह बहस का विषय रहा है कि क्या प्रत्येक स्कूल में दस दिन पहले  शिक्षकों की नियुक्ति की गई है और क्या शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति कभी होगी या क्या प्रवासी शिक्षकों के भरोसे शिक्षा गाड़ी को चलाया जाएगा, यह चर्चा का विषय बन गया है। 
तापी जिले के अलावा  अनुमानित 118 स्कूल तो मात्र एक ही ओटले पर चलाया जा रहा है।  कई स्कूल जर्जर होने के साथ ही छात्र शिक्षा प्राप्त करने के लिए जर्जर भवनों में बैठने को मजबूर हैं। कई स्कूलों में जर्जर भवनों को गिराने और नए निर्माण के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले एक साल से तापी में व्यारा के तिचकपुरा और वालोद तालुका के डेगामा और अंबाच प्राथमिक विद्यालयों में केवल एक शिक्षक द्वारा शिक्षण कार्य किया जा रहा था। अभी भी प्रशासन केवल प्रवासी शिक्षकों की नियुक्ति से ही संतुष्ट है, लेकिन छात्रों और बेरोजगार युवाओं के हित में सरकार के लिए ऐसे स्कूलों में स्थायी शिक्षकों की भर्ती करना आवश्यक हो गया है। शिक्षकों की स्थायी कमी के चलते अभिभावकों को भी अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है।
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