सूरत : कलेक्टर के पूर्वानुमोदन के बिना सूरत में अशांत क्षेत्रों में बिक्री के लिए संपत्ति को नोटरी नहीं करने का आदेश

सूरत : कलेक्टर के पूर्वानुमोदन के बिना सूरत में अशांत क्षेत्रों में बिक्री के लिए संपत्ति को नोटरी नहीं करने का आदेश

संपत्ति की बिक्री, हस्तांतरण इनाम, विनिमय, पट्टा हस्तांतरण किसी अन्य तरीके से करने के लिए कलेक्टर की मंजूरी आवश्यक

किसी भी संपत्ति को जिलाधिकारी की पूर्वानुमति से ही हस्तान्तरित किया जा सकता है
सूरत के अशांत धारा वाले क्षेत्र में कलेक्टर की पूर्वानुमति के बिना संपत्ति की बिक्री सहित कार्य को नोटरी नहीं करने का जिला कलेक्टर द्वारा आदेश जारी किया गया है। संपत्ति की बिक्री, हस्तांतरण इनाम, विनिमय, पट्टा हस्तांतरण किसी अन्य तरीके से करने के लिए कलेक्टर की मंजूरी आवश्यक है। इस मंजूरी के बाद ही हलफनामा या नोटरी कराने के आदेश जारी किए गए हैं। 
सूरत शहर में सांप्रदायिक एकता बनाए रखने के लिए विभिन्न क्षेत्रों को गुजरात अशांति अधिनियम, 1991 के तहत कानून के तहत शामिल किया गया है। किसी भी तरह से स्थानांतरित करने से पहले जिलाधिकारी की अनुमति लेनी होगी। किसी भी संपत्ति को जिलाधिकारी की पूर्वानुमति से ही हस्तान्तरित किया जा सकता है।
यह देखा गया है कि अशांत धारा कानून के तहत, किराए, गिरवी या किसी अन्य साधन को विधर्मियों को हस्तांतरित कर दिया गया है, जिसके कारण दोनों समुदायों के बीच समय-समय पर झड़पें हुई हैं। 
 अशांत धारा कानुन में समाविष्ठ सभी मिलकते विधर्मीओं को किसी भी प्रकार से बिक्री, इनाम के हस्तांतरण, छुट्टी और लाइसेंस या किसी अन्य नोटरीकृत या हलफनामे के मामले में ही लिया जाएगा, जो जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष अशांति अधिनियम के तहत  पूर्व स्वीकृति प्राप्त कर चुका है। केवल ऐसे मामलों में ही  हलफनामा या नोटरी करनी होगी। 
अशांति अधिनियम के तहत पूर्व अनुमोदन के बिना कार्य करना  गुजरात अशांति अधिनियम, 1991 के तहत एक अपराध है। सूरत शहर में गुजरात अशांति अधिनियम, 1991 के सख्त कार्यान्वयन और अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए, सभी अधिवक्ताओं और नोटरी को गुजरात अशांति अधिनियम, 1991 के निर्देशों का पालन करना होगा। 
एक्टीविस्ट एडवोकेट आशित गांधी ने कहा कि जिस क्षेत्र में अशांति अधिनियम लागु हुई है, वहां कुछ लाभकारी तत्व भी सक्रिय हो गए हैं। वे  मजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना नोटरी के पास जाकर संपत्ति का हलफनामा प्राप्त करते हैं। और उन्हें विनिमय का विलेख मिलता है और कुछ राशि का आदान-प्रदान भी होता है जिसके कारण कई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। यह मामला जिला कलेक्टर के संज्ञान में लाया गया और सड़क एवं आवास मंत्री पूर्णेश मोदी को भी मामले से अवगत कराया गया। हमारे निवेदन के बाद सूरत जिला कलेक्टर द्वारा नोटरी एसोसिएशन को आदेश दिया गया है कि वह बिना अनुमति के कोई हलफनामा न दें।
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