सूरत कपड़ा उद्योग : सिंथेटिक यार्न बाजार तेजी रूपी घोड़े पे सवार

सूरत कपड़ा उद्योग : सिंथेटिक यार्न बाजार तेजी रूपी घोड़े पे सवार

बढ़ता क्रूड व घटता चाईना का आयात जिम्मेवार, विवरों की नज़र में स्पिनरों द्वारा लाई कृत्रिम तेजी

सूरत 11 जनवरी 2022। सिंथेटिक फिलामेंट यार्न बाजार एक बार फिर ऊंची तेजी रूपी घोड़े पर सवार है। सिंथेटिक यार्न की विभिन्न किस्मों के भावों में पिछले एक माह में तकरीबन 15 रु प्रति किलो का उछाल आया गया हैं।
तेजी के पीछे क्रूड उछाल मुख्य कारण-सुरेन्द्र मरोठी
शुभ मार्केटिंग के श्री सुरेन्द्र मरोठी के अनुसार यार्न भावों में उछाल आने के अनेकों कारण हैं, पहला इंटरनेशनल बाजारों में क्रूड में आई अफलातून तेजी है और अब क्रूड प्रति बैरल 93 डॉलर की ऊंचाई पर चढ़ गया है, बताया जाता है कि क्रूड में वर्ष 2014 के पश्चात पहली बार इतनी बढ़ोतरी हुई हैं। 
सुरेन्द्र मरोठी

चाईना में नव वर्ष का त्योहार, आपूर्ति बाधित-सन्दीप डाँगी
यार्न डीलर आधुनिक पॉलीटेक्स लि के श्री सन्दीप डाँगी का मानना है कि यार्न की भाववृद्धि के पीछे चाईना में न्यू ईयर वसंत महोत्सव रूपी फेस्टिवल की छुट्टियां होना मुख्य वजह है, ये त्योहार 1 से 11 फरवरी को आयोजित होना बताया जा रहा हैं, इस कारण वहां से यार्न व अन्य रोमटेरियल्स की आवक कमजोर है, श्री डाँगी का कहना है कि गत वर्ष जब चाईना आदि देशों से आयातित एफ डी वाय आदि यार्न किस्मों पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लागू की गई है तब से चाईना व इंडिया के यार्न भावों में नाम मात्र का भाव फर्क नही रह गया है, ये सर्वविदित है कि चीन सिंथेटिक यार्न उत्पादन का बहुत बड़ा हब बन कर उभरा हुआ हैं।
सन्दीप डाँगी

कंटेनरों का बढ़ता भाड़ा भी यार्न भाववृद्धि में सहायक
यार्न डीलर श्री सुरेश बाफना के अनुसार जहां क्रूड में भावों का उछाल यार्न की तेजी की एक वजह है वहीं चीन से आयातित यार्न कंटेनरों का भाड़ा आदि बेतहाशा रूप से बढ़ जाने से भी महंगा हुआ हैं। 
स्पिनरों की आर्थिक स्थिति मजबूत, अब मंदी में रुक जाते है-अभिनव गर्ग
त्रिवेणी समूह के श्री अभिनव गर्ग का कहना है कि अब स्पिनरों की आर्थिक स्थिति अच्छी हो गई है इस कारण वे मंदी में माल बेचने से अलबत्ता परहेज करते है, यार्न की तेजी के पीछे एक कारण यह भी है कि वॉटरजेट, रेपियर आदि नई टेक्नोलॉजी के लूम बढ़ जाने से यार्न की खपत में इजाफा हुआ है इस कारण बाजार में ज्यादा नही तो हेंड टू माउथ जैसी खरीद तो रहती है है।  
सुरेश बाफना
खरीददारों व बेचवालों के बीच रस्साकशी, आगे वैवाहिक सीजन भरपूर चलने की उम्मीद
बहरहाल यार्न बाजार में खरीददारों व बेचवालों के बीच रस्साकशी चल रही है, स्पिनर भाव बढ़ा कर बेचना चाहते है व विवर घटे भावों में यार्न खरीदना चाहते है। एक बात तो साफ है कि तेजी पच जाए ऐसी कपड़े में ग्राहकी नही है, लेकिन स्पिनर , टेक्च्यु राइजर, यार्न डीलर आदि कपड़ा  ग्राहकी के प्रति आशान्वित है कारण आगे वैवाहिक सीजन सामने पड़ी है। वर्ष 2022 में विवाह मुहूर्त की भरमार होने से कपड़े की ग्राहकी दमदार रहने की उम्मीद है।
14 जनवरी तक कुमुहर्त होने से शादियां नही थी लेकिन जनवरी में 4 शादी मुहूर्त, फरवरी में 5 से 22 फरवरी के बीच 11 विवाह मुहूर्त है, जबकि मार्च माह में मात्र 2 विवाह मुहूर्त है, अप्रैल में 14 से 27 की अवधि में 11 व मई माह में 15 विवाह तिथियां पण्डित बता रहे हैं, जून में 12, जुलाई में 5 विवाह मुहूर्त है, अगस्त से ऑक्टोबर तक में तीन माह के विराम  पश्चात नवम्बर में 4 तथा दिसम्बर में 7 विवाह मुहूर्त हैं।
अतः कपड़ा व्यापारियों, उत्पादकों, यार्न विक्रेताओं व स्पिनरों आदि को पूरी उम्मीद है कपड़ा ग्राहकी जब भी खुलेगी तो भरपूर चलेगी। हालांकि यार्न में 10से 15 रु किलो की ही भाववृद्धि हुई है लेकिन बाजार में इस तेजी को व्यापक रूप से बताने के प्रयास नजर आ रहे है व 25 रु प्रति किलो की तेजी की बातें गड़ी जा रही है जबकि 10 से 15 रु प्रति किलो की तेजी में बाजार में कामकाज का टोटा नजर आ रहा हैं।   
अभिनव गर्ग

पिछले कुछ वर्षों से जनवरी-फरवरी में यार्न बाजार में पनपती रही तेजी
ताज्जुब यह भी है कि अमूमन हर वर्ष जनवरी फरवरी में सिंथेटिक यार्न बाजार उछाल खाने लग जाता है भले ही वो वास्तविक रूप से हो या कृत्रिम रूप से लाई गई तेजी के बल पर हो। वर्ष 2021 में जनवरी माह में चीन जब बिजली संकट से जुंझ रहा था तथा वहां से यार्न उपयोगी कच्चे माल की आवक कमजोर पड़ गई थी तब भी बाजार में उछाल देखा गया था।
दिसम्बर 2020 से जनवरी 2021में पॉलिएस्टर पी ओ वाय 50 प्रतिशत तथा सिंथेटिक यार्न 40 से 75 प्रतिशत तक उछाल खा गया था, सिंथेटिक यार्न में तेजी का कारण पार्शली ओरिएंटेड यार्न (पी ओ वाय) 60 रु से बढ़ कर 90 रु हो गया था, इससे जून 2020 में 80 रु प्रति किलो की दर का रोटो यार्न 15 जनवरी 2021 के दौरान 50 प्रतिशत की तेजी के साथ 115-120 रु में बिकने लग गया था। हालांकि उस दौर में चाईना से यार्न उपयोगी रो मटेरियल्स कोरोना की वजह से आयात हो नही पा रहा था, उस दौर में चाईना विरोधी भावना भी देश भर में बलवती थी, दरअसल चीन से सिंथेटिक यार्न व रो मटेरियल्स के आयात का भारत के सिंथेटिक स्पिनरों पर बड़ा दबाव बना रहता हैं।
वर्ष 2021 के अगस्त माह में जब चीन में डेल्टा वेरियंट पनपा तो वहां की सरकार ने अन्य देशों से चीन पहुंचने वाले विदेशियों को 14 दिनों के लिए कोरनटाइन रखने के आदेश दिए तो वहां से रो मटेरियल्स आदि की आपूर्ति बाधित हो गई थी और देखते ही देखते सूरत में यार्न की शॉर्टेज की खबरे आने लगी, जहां यार्न में बेचवाली का दबाव था वहीं रुको, देखो व बेचो की गूंज सुनाई दी और बाजार में बेचवाली नदारद हो गई। कभी कभी भारतीय बाजारों में स्पिनरों की मनमानी रौकने में चाईना का आयात प्रभावी भी साबित होता आया है। कोरोना काल से पहले जब घरेलू बाजारों में सिंथेटिक यार्न के भाव स्पिनर मनमाने ढंग से बढाने लगे तो सूरत के यार्न वितरकों ने हजारों कंटेनर सिंथेटिक यार्न चाईना से आयात कर तेजी को ब्रेक लगवाया था। 
वर्तमान की तेजी को स्पिनरों की कार्टेल मान रहे है वीवर्स
बहरहाल विवर बाजार में यार्न भावों में पनपी तेजी को स्पिनरों का कार्टेल (सिंडिकेट) बता रहे है और उनकी और से भारत सरकार के टेक्सटाइल्स मंत्रालय आदि को स्पिनरों की कार्टेल का ध्यान आकर्षित कराया जाएगा। विवर अग्रणी  श्री मयूर गोलवाला ने यार्न भावों में पनपी 25 रु प्रतिकिलो की तेजी के पीछे स्पिनरों के कार्टेल को बताया।
जब भी ग्राहकी चली तो तेजी का नव इतिहास रच सकता है यार्न बाजार
कमजोर कपड़ा ग्राहकी के चलते स्पिनर यार्न भावों में मनचाही तेजी नही पनपा पा रहे हैं,  कोरोना के ओमिक्रोन वेरिएंट के चलते कपड़ा ग्राहकी पर बुरा असर पड़ा है, हालांकि वैवाहिक ग्राहकी ने कपड़ा व्यापारियों का हौसला बढ़ाया है, लेकिन जब भी ग्राहकी निकल पड़ी तो सिंथेटिक यार्न बाजार तेजी का नव इतिहास रच सकता है, स्पिनर उस मौके की तलाश में है, माना जा रहा है कि अप्रैल से जुलाई तक भरपूर वैवाहिक सीजन है तो स्पिनर उस दौर में कुछ भी नया कर सकते है, कारण अब कंटेनरों के बढ़े हुए किराए, चाईना से कमजोर आयात आदि अनेकों कारण है जो स्पिनरों द्वारा तेजी को पनपाने  की राह को आसान करते हैं। दूसरी और कॉटन यार्न की तेजी ने तो सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले है, कॉटन यार्न की तेजी निश्चित रूप से सिंथेटिक यार्न के भावों में उछाला लाने में निमित बन जाएंगे।
(गणपत भंसाली)
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