सूरत : एक महीने बाद स्कूलों में फिर से कक्षा-1 से 9 तक ऑफलाइन पढ़ाई सोमवार से होगी शुरू

6 जनवरी को कोरोना के 4200 केस आने के बाद सरकार ने ऑनलाइन पढ़ाई अनिवार्य किया था

कोरोना की पुरानी एसओपी के मुताबिक शुरू होंगी ऑफलाइन कक्षाएं, ऑनलाइन पढ़ाई भी जारी रहेगी
राज्य सरकार ने सोमवार, 7 फरवरी से कक्षा 1 से 9 तक के स्कूलों में ऑफलाइन शिक्षा को फिर से शुरू करने की घोषणा की है। यह जानकारी राज्य के शिक्षा मंत्री जीतू वाघाणी ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से सलाह मशविरा और कोर ग्रुप में चर्चा के बाद ट्वीट कर दी। उनके सुझाव के अनुसार राज्य में कोरोना के मामलों की संख्या घटती जा रही है, इसलिए छात्र की रुचि को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। पुराने एसओपी (कोरोना दिशा-निर्देश) के अनुसार माता-पिता की सहमति से 7 फरवरी से कक्षा 1 से 9 तक की ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षा शुरू की जाएगी। उल्लेखनीय है कि 6 जनवरी को कोरोना के 4213 मामले आने के बाद 7 जनवरी से ऑफलाइन शिक्षा पर रोक लगा दी गई थी।
सरकार ने पिछले शैक्षणिक वर्ष में स्कूल की एक चौथाई फीस माफ की थी। पूर्व शिक्षा मंत्री भूपेंद्रसिंह चुडासमा ने इस साल भी एक चौथाई स्कूल फीस माफ करने का वादा किया था। लेकिन नए शिक्षा मंत्री जीतू वाघाणी ने आज तक इस मुद्दे पर कोई जवाब नहीं दी है। अब तीन क्वार्टर पूरे हो चुके हैं और एक सरकारी अधिकारी ने खुद माना है कि सरकार पर स्कूलों को फिर से खोलने का जबरदस्त दबाव है, ताकि चौथी तिमाही की फीस ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर खर्च न करनी पड़े।  ऐसे में सरकार भी स्कूल संचालकों की मांग के आगे झुक गई है।  
राज्य सरकार के प्रवक्ता और शिक्षा मंत्री जीतू वाघीणी ने कोरोना के मामले बढ़ने पर ऑफलाइन शिक्षा को 5 फरवरी तक के लिए निलंबित करने की घोषणा की थी। जनवरी में ओमिक्रोन  कोरोना का मामला तेजी से बढ़ रहा था। 6 जनवरी को 4,000 से ज्यादा केस आने के साथ सरकार पहले 31 तक और फिर 5 फरवरी तक 1 से 9 तक ऑनलाइन शिक्षा को अनिवार्य करने का निर्णय लिया था।
 माता-पिता की सहमति अनिवार्य, ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी
राज्य के शिक्षा विभाग ने 7 फरवरी से ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करने को लेकर सर्कुलर जारी किया है। इसके अनुसार कोरोना से संबंधित पुराने एसओपी को लागू किया जाएगा और ऑफलाइन शिक्षा के लिए स्कूल आने वाले सभी बच्चों के अभिभावकों की लिखित सहमति ली जाएगी। सहमति देने वाले अभिभावकों को ही स्कूल में ऑफलाइन शिक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। जबकि बाकी छात्रों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी।निजी स्कूल प्रशासक कक्षा 1 से कक्षा 9 तक की कक्षाओं को फिर से शुरू करने पर जोर दे रहे थे क्योंकि राज्य में कोरोना मामलों की संख्या में गिरावट जारी है। उन्होंने सरकार को ज्ञापन भी दिया। इस प्रस्तुति के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की उपस्थिति में शिक्षा विभाग की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
स्कूल शुरू करने के फैसले में जल्दबाजी : अभिभावक मंडल
हाल ही में  अभिभावक मंडल के अध्यक्ष नरेश शाह ने कहा कि अभी भी कोरोना के मामले हैं, ‌इसलिए स्कूलों को शुरू करने का फैसला जल्दबाजी में किया गया है। अभी भी 15 दिन इंतजार करना चाहिए और मामले को घटने देना चाहिए था। मामला नियंत्रण में आने के बाद ही ऑफलाइन स्कूल शुरू की जाए। स्कूल भी अब शुल्क के लिए ऑफलाइन शिक्षा  शुरू करेंगे। लेकिन बच्चों के स्वास्थ्य के लिए कोई स्कूल जिम्मेदार नहीं है।
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