सूरत : चाय की थड़ी चलाने वाले के नाम पर फर्जी बैंक अकाउंट खुले, डेढ़ करोड़ का लेन-देन हो गया!

सूरत : चाय की थड़ी चलाने वाले के नाम पर फर्जी बैंक अकाउंट खुले, डेढ़ करोड़ का लेन-देन हो गया!

किसी को अपने पहचान पत्र देते वक्त सतर्क रहें

आजकल आधार कार्ड और पैन कार्ड जैसे पहचान पत्रों की प्रतियां हासिल कर फर्जीवाड़ा करने वालों की कमी नहीं है। सूरत में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें चाय की थड़ी चला कर अपना गुजारा करने वाले शख्स के नाम पर अज्ञात लोगों ने फर्जी बैंक अकाउंट खोल दिए और उसमें करोड़ों का लेनदेन कर दिया।
इस पूरे प्रकरण की प्राप्त जानकारी के अनुसार मूलतः उत्तर प्रदेश के और सूरत के पांडेसरा इलाके में रहने वाला 30 वर्षीय जितेंद्र कुमार पांडे शहर के अडाजन स्थित महालक्ष्मी मंदिर के पीछे चाय की थड़ी चला कर अपना गुजारा कर रहा है। पिछले 10 वर्षों से वह स्थानीय चार्टर्ड अकाउंटेंट अमर भाई के माध्यम से आयकर रिटर्न भी भर रहा है। क्राइम ब्रांच के सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत 19 नवंबर 2021 को जितेंद्र जब अपना आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट के पास गया तो उन्होंने उसे बताया कि जितेंद्र के नाम पर शहर के सोसयो सर्कल स्थित इंडसइंड बैंक में एक सेविंग्स अकाउंट खुला हुआ है जिसमें लगभग लगभग ढाई लाख रूपयों का लेनदेन हुआ है। उन्होंने यह जानकारी भी दी कि शहर के सहारा दरवाजा इलाके में एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक में स्टार ट्रेडर्स के नाम पर एक करंट अकाउंट खुला हुआ है जिसमें लगभग एक करोड़ 29 लाख रुपए का लेनदेन हुआ है।
प्रतिकात्मक तस्वीर
अपने नाम पर बैंकों में अकाउंट होने की जानकारी मिलने पर जितेंद्र कुमार घबरा गया। उसने पुलिस कमिश्नर को आवेदन किया। पुलिस ने जब मामले की जांच की तो पता चला कि इंडसइंड बैंक में बैंक के ही एजेंट योगेश तिवारी और एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक में एजेंट भावेश पेटीकरा ने जितेंद्र के आधार कार्ड और पैन कार्ड की नकल के आधार पर फर्जी बैंक अकाउंट खुलवा दिया था। दोनों ही बैंक में केवाईसी के अंतर्गत फोटो जितेंद्र कुमार के नहीं थे और मोबाइल नंबर भी उसका नहीं था। जीमेल अकाउंट भी अलग से खोले गए थे। दोनों बैंक अकाउंट  में जितेंद्र के पान कार्ड के आधार पर हस्ताक्षर किए गए थे। जब यह बात साफ हो गई कि दोनों बैंक अकाउंट फर्जी तरीके से एजेंटों के द्वारा खोले गए हैं तो पुलिस ने दोनों एजेंटों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
इस आपराधिक प्रवृत्ति से साफ झलकता है कि हमें अपने आधार कार्ड और पैन कार्ड तथा अन्य दस्तावेजी प्रमाण पत्र अनजान लोगों को नहीं देने चाहिए और सतर्क रहना चाहिए।
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