
सूरत : उत्सव के साथ जागरुकता भी, पतंग पर लिखा 'ओमिक्रोन रोकने के लिए मास्क जरुरी का संदेश
By Loktej
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पतंग को बनाने में लगे 6 दिन
उत्तरायण के दिन शहर के लगभग सभी भवनों में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक लोग पतंग उड़ाते नजर आते हैं। लेकिन इस बार सूरत में बनी सबसे बड़ी और महाकाय पतंग बाकी सभी पतंगों के पैच काटेगी। सूरत में रहते अजय राणा पिछले 10 साल से बड़ी-बड़ी पतंगें बनाते हैं। वे 4 फीट से लेकर 10 फीट तक की बड़ी-बड़ी पतंगें बनाते रहे हैं। पिछले साल उसने 25 फुट की पतंग बनाई थी और इस साल उसने पतंग के शौकीनों के कहने पर 12 फुट की बड़ी पतंग बनाई है। इस पतंग को बनाने में उन्हें 6 दिन लगे।
पिछले साल उन्होंने कोरोना की थीम पर पतंग बनाई थी। जबकि इस साल उन्होंने पतंग पर ओमिक्रोन से बचने का संदेश दिया है। साथ ही लोगों से मास्क पहनने की अपील भी की है। इतना ही नहीं इस पतंग के जरिए लड़कियों के साथ होने वाली रेप की घटनाओं के प्रति जागरूकता लाने का स्टाप रेप का संदेश भी दिया गया है। गणपति का पर्व हो या नवरात्रि का पर्व जनजागरूकता का संदेश देना अत्यंत आवश्यक है। यदि टैटू नवरात्रि के दौरान किया जाता है, तो गणपति के दौरान, गणेश मंडप में उन्हें अलग से व्यवस्थित करके संदेश देने का प्रयास किया जाता है।
लोगों से अधिक से अधिक जागरूकता के साथ मास्क पहनने की अपील करते हुए अजय राणा ने कहा कि मैं हर साल एक नई तरह की थीम पर एक बड़ी विशालकाय पतंग बनाता हूं। लोक संदेश देने के लिए भी उत्तरायण का पर्व महत्वपूर्ण है। मैं विभिन्न समाजों की समस्याओं को उजागर करने और उनसे बाहर आने के लिए संदेश लिखता हूं। इस बार हम कोरोना संक्रमण के अलग-अलग रूपों के कारण संकट में हैं। हमें ओमिक्रोन वैरिएंट से बचाने के लिए वैक्सीन के साथ मास्क की बहुत ही जरुरी है। मैं लोगों से अधिकतम जागरूकता के साथ मास्क पहनने की अपील करता हूं।
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