सूरत : कांग्रेस की स्थापना के 137वें समारोह में बहुत कम नेता नजर आए

सूरत : कांग्रेस की स्थापना के 137वें  समारोह में  बहुत कम नेता नजर आए

विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की कमजोरी उजागर हुई

दिल्ली में कांग्रेस की स्थापना की 137वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को झंडा लहराते हुए देखा गया। सूरत में भी सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी  कांग्रेस कार्यालय में मुट्ठी भर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ जश्न मनाया गया। जिसमें तिरंगे को सलामी देते हुए कांग्रेस पार्टी का झंडा बमश्किल से फहरा सका।  जो शहर में कमजोर संगठन को भी बेनकाब करता है। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल संगठन को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। अगर कांग्रेस के नेता अपनी पार्टी की स्थापना के दिन भी नहीं आते हैं तो सूरत शहर संगठन की स्थिति को समझा जा सकता है।
सूरत शहर कांग्रेस के पुराने कार्यालय में  मंगलवार को सेवादल कार्यकर्ताओं द्वारा ध्वजारोहण का कार्यक्रम था, लेकिन  कांग्रेस कार्यालय पर झंडा नहीं फहरा, जिससे  उपस्थित सभी लोग असमंजस में थे।  कांग्रेस कार्यकर्ता झंडा भी नहीं फहरा सके, यही उपलब्धि संगठन में देखने को मिल रही है। कांग्रेस के नेता भी सांगठनिक कार्य ठीक से नहीं कर पाते। कार्यालय में जमा हुए कांग्रेसी कार्यकर्ता हाथापाई के बाद बमुश्किल झंडा फहरा सके।
कांग्रेस की स्थापना के दिन भी शहर कांग्रेस की सक्रियता नजर नहीं आई। मात्र सेवादल के गिने चुने कार्यकर्ताओं के अलावा कांग्रेस के प्रथम श्रेणी के नेता अनुपस्थित रहे। कांग्रेस में चुनाव घोषित होने के कुछ दिन पहले ही 25 से 50 कार्यकर्ता टिकट के लिए कार्यालय आते हैं और मोवड़ी मंडल के सामने टिकट की मांग करते हैं।  इनमें से किसी एक को टिकट नहीं मिलने पर वे प्रचार में भी नहीं आते। ऐसा ही हाल सूरत शहर में देखने को मिला है। वार्ड में भी उनके पास कार्यकर्ता नहीं है।
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