सूरत में बनता है भवन निर्माण, सुरक्षा और औद्योगिक क्षेत्र में उपयोग होने वाले कपड़े का यार्न

नायलोन और पॉलिएस्टर हाइटेनासिटी यार्न का सालाना 30 हजार टन उत्पादन

कोरोना आपदा सूरत के टेकनिकल और मेडिकल टेक्सटाइल के लिए अवसर समान बन गई है। जहां पीपीई किट का सूरत में बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू हुआ। वहीं टेकनिकल टेक्सटाइल यानि बांधकाम, सुरक्षा सहित अन्य उद्योगों में इस्तेमाल कपड़ा बनाने के लिए उपयोग होनेवाले हाइटेनासिटी यार्न का भी सूरत में उत्पादन होना शुरू हुआ है। करीबन 30 हजार टन से ज्यादा यार्न सूरत में तैयार होने का अंदाजा लगाया जा रहा है।
पॉलिएस्टर कपड़ा का हब सूरत में अब सिर्फ साडी या ड्रेस मटेरियल्स नहीं बल्कि एन्ट्री माइक्रोबल, मेडिकल और टेकनिकल टेक्सटाइल के साथ-साथ डेनिम का भी उत्पादन शुरू हुआ है। ऐसे में कोरोना ने टेकनिकल टेक्सटाइल के लिए नए अवसर उपलब्ध हुए है। डिफेन्स सेक्टर के लिए सूरत में से ग्रे फेब्रिक्स का उत्पादन किया जा रहा है। साथ ही साथ स्पोट्र्स वेर बनाने वाली निटर्स की संख्या भी शहर में बढ़ी है। अभी तक कपड़ा उत्पादकों को स्पेशियलाइज्ड यार्न बाहर से इम्पोर्ट करना पड़ता था। हालांकि पिछले कई समय से शुरू हुए रिसर्च और उत्पादन क्षेत्र में बढ़ रही मांग के कारण हाइटेनासिटी यार्न का भी सूरत और सूरत निकट स्थापित कंपनियों द्वारा उत्पादन शुरू किए जाने का बात स्थानीय उद्यमियों ने कहीं।
चैंबर के ग्लोबल फेब्रिक्स रिसोर्स एन्ड रिसर्च सेंटर के अग्रणी का कहना है कि सूरत में बड़े पैमाने पर डिफेन्स सेक्टर के लिए ग्रे कपड़ा तैयार होता है। अभी भी कुछ यार्न का बाहर से उत्पादन होता है। लेकिन सूरत में भी एक बड़ा जत्था में हाइटेनासिटी यार्न का उत्पादन शुरू हुआ है। करीबन 30 हजार टन से ज्यादा का वार्षिक उत्पादन सूरत में हो रहा है।
जीएफआरआरसी के चेयरमेन गिरधर गोपाल मुंदडा ने बताया कि पॅालिएस्टर और नायलोन दोनों प्रकार के हाइटेनासिटी यार्न बड़े यार्न उत्पादन कंपनियों द्वारा सूरत में तैयार किया गया है। जो सामान्य कपड़ा या गार्मेन्ट के जगह इंडस्ट्रीयल उपयोग या संरक्षण के लिए उपयोग होने वाले कपड़ा बनाने के लिए उपयोग होता है। पॉलिएस्टर यार्न 18 से 19 हजार टन और नायलोन यार्न 7 से 8 हजार टन कुल 25 से 30 हजार टन तक वार्षिक स्तर पर हाइटेनासिटी  यार्न सूरत में उत्पादन होता है। चैंबर के जीएफआरआरसी सेंटर में इस यार्न के सेम्पल भी उपलब्ध है।
केला, बंबू, मक्काई से भी यार्न  तैयार
गारर्मेट सेंटर में भी धीरे-धीरे सूरत उद्यमी आगे बढक़र फेब्रिक्स के लिए रिसर्च करके वल्र्ड मार्केट के लिए कपड़ा तैयार कर रहे है। हाइटेनासिटी यार्न के साथ सूरत में अभी तक एन्टी माइक्रोबल फेब्रिक्स के लिए यार्न सहित केला, बंबू, मक्काई में से भी सूरत के उत्पादक यार्न तैयार कर रहे है। जिससे हाल में यार्न एक्सपो में प्रदर्शित किया गया।
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