सूरत : सिविल अस्पताल में बिना मास्क के दिखे तो 1000 रुपये का जुर्माना, आधा मास्क लगाकर आए तो 500 रुपये का जुर्माना

सूरत :  सिविल अस्पताल में बिना मास्क के दिखे तो 1000 रुपये का जुर्माना, आधा मास्क लगाकर आए तो 500 रुपये का जुर्माना

सूरत शहर में कोरोना संक्रमण बढने लगा तो सिविल अस्पातल में बिना मास्क के दिखने पर १००० रुपये का जुर्माना लागु किया

मास्क के नाम पर जुर्माना लगाने की योजना से गरीब व लाचार लोग नाराज
गरीबों को मुफ्त इलाज मुहैया कराकर सहानुभूति जताने वाले सूरत सिविल अस्पताल में अगर बिना मास्क के दिखे तो 1000 (हजार) और आधा मास्क के साथ दिखे तो रुपये का दंड वसूलने के बैनर लगाए जाने पर कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। इतना ही नहीं, अनपढ़ गरीब और असहाय लोगों पर मास्क के नाम पर जुर्माना लगाने की योजना का कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विरोध भी किया है। आप नेता धर्मेश भंडारी ने कहा कि महापौर आम सभा में मास्क नहीं पहनने पर क्या वह जुर्माना भरेंगे। लोगों को समझाना चाहिए और मास्क पहनने के लिए प्रचार करना चाहिए, इतना भारी जुर्माना नहीं वसूलना चाहिए। 
शहर में एक बार फिर कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। पॉजिटिव केसों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। कुछ हद तक नागरिक लापरवाही भी दिखा रहे हैं। मास्क और सोशल डिस्टेंस समेत कोरोना के दिशा-निर्देशों को लागू करने के लिए सिविल अस्पताल में पेनल्टी बैनर लगाए गए हैं। प्रशासन की सतर्कता और दंड के सख्त प्रवर्तन के खिलाफ कई सवाल उठाए गए हैं। नई सिविल अस्पताल के मुख्य द्वार के साथ-साथ अन्य प्रवेश द्वारों पर भी बैनर लगाए गए हैं। जिस पर स्पष्ट लिखा है कि बिना मास्क के अस्पताल में प्रवेश न करें, बिना मास्क के पकड़े जाने पर 1000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा, मास्क को ठीक से नहीं पहनने पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। अस्पताल में अलग-अलग जगहों पर इस तरह के बैनर लगाए गए हैं। इसके अलावा, गेट पर तैनात सुरक्षा गार्डों ने बिना मास्क के लोगों के साथ-साथ रूमाल पहने या बिना मास्क के अपना चेहरा ढंकने वालों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी है। पहले अस्पताल में आने वाले मरीजों के साथ-साथ उनके परिजनों को भी मास्क पहनने के लिए जागृत करन के लिए माइक सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता था, जो अभी भी चल रहा है। वहीं अब जागरूकता के लिए बैनर लगाकर मास्क लगाने के लिए जागृत किया जा रहा है। धर्मेश भंडारी (आप) ने कहा कि मास्क पहनने का अभियान चलाया जाए। मास्क दिया जाए, समझाया जाए, यह विषय सजा का नहीं, जागरूकता का है। महापौर ने आम सभा में मास्क नहीं पहना, महापौर जुर्माना भरने को तैयार है, ऐसे सवाल उठाए गए। 
असलम सायकलवाला (कांग्रेस के पूर्व पार्षद) ने कहा कि जहां गरीब कामकाजी मरीजों के इलाज के लिए आने पर इतनी भारी सजा न हो, स्थानीय व्यवस्था भ्रमित होती दिख रही है। 1000 रुपए दंड देने वाले मरीज सिविल में इलाज के लिए आएं तो प्राइवेट में न जाएं, इसलिए यह फैसला उचित नहीं है।
Tags: