जीएसटी : अब अधिकारी नोटिस बिना भी बैंक एकाउन्ट एटेचमेंट कर सकेंगे

जीएसटी : अब अधिकारी नोटिस बिना भी बैंक एकाउन्ट एटेचमेंट कर सकेंगे

पहले बैंक खाते टांच में लेने से पहले करदाताओं को नोटिस भेजी जाती थी

जीएसटी में टेक्स वसूली के लिए अब दूसरी बार नोटिस या समन्स भेजे बिना भी करदाताओं का बैंक खाता एटेचमेंट करने की सत्ता अधिकारियों को दी गई है। इसको अगले 1 जनवरी से लागू किया जाएगा। जिससे व्यापारियों की हालत बिगड़ सकती है। जीएसटी में गलत तरिके से क्रेडिट लेने और फर्जी बिल में शामिल होने के मामले में करदाता को नोटिस या समन्स देकर जवाब दायर करने के लिए निर्देश दिए जाते है। इसके बाद भी उपस्थित नहीं रहा तो बैंक एटेचमेंट तक के कदम उठाने की दूसरी बार नोटिस भेजी जाती थी। लेकिन अब 1 जनवरी  2020 से व्यापारी को समन्स या नोटिस भेजने के बाद उपस्थित नहीं रहा तो बैंक एटेचमेंट करने की सत्ता अधिकारियों को दी गई है।
इसके कारण करदाताओं की परेशानी बढ़ेगी। क्योंकि ज्यादा क्रेडिट ली हो या कम टेक्स भरा हो ऐसे मामले में अधिकारी द्वारा करदाता को नोटिस या समन्स भेजते है। इसमें उचित जवाब नहीं मिलने पर दूसरी बार बुलाकर बयान लिया जाता था और करदाता द्वारा संबंधित सबूत पेश करने के लिए समय मांगा जाने पर वह भी अभी तक दिया जाता है। लेकिन अब नए फाइनान्स एक्ट में किए संशोधन के मुताबिक अब अधिकारियों को जीएसटी की वसूली के लिए बड़े पैमाने पर सत्ता दी गई है। जिससे जानकारों का मानना है कि अगले दिनों में इंस्पेक्टर राज फिर से आ सकता है।
व्यापारियों के लिए दूसरी बार सुनवाई भी नहीं होगी
नए फाइनान्स एक्ट के तहत जीएसटी में किए संशोधन में एक बार करदाता ने जवाब दायर करने के बाद अधिकारी को वह जवाब संतोषकारक नहीं लगेंगा तो इसके लिए दूसरी बार करदाता को बुलाया जाए या नहीं इसका फैसला अधिकारी करेंगे। अधिकारी बुलाये बिना ही उसकी संपत्ति और बैंक खाता एटेच कर करने की सत्ता दी गई है। जिससे व्यापारी ने दिया जवाब उचित है या नहीं इसका निर्णय अधिकारी द्वारा किए जाने के बाद व्यापारी को मजबूरन बैंक एटेचमेंट से बचने के लिए अधिकारी ने तय की रकम जमा करने की स्थिति भी पैदा होगी। हालांकि इसके बाद करदाता द्वारा अपील में जाकर या कोर्ट में जाकर इसके खिलाफ लड़ाई लड सकता है। लेकिन इससे पहले उसे अनिवार्य रूप से जीएसटी अधिकारी ने तय की रकम जमा करनी होगी यह तय है।
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