सूरत : पांडेसरा की बच्ची से रेप मामला, हत्यारे दिनेश को फांसी की सजा

सूरत : पांडेसरा की बच्ची से रेप मामला, हत्यारे दिनेश को फांसी की सजा

सरकार पक्ष ने रेरेस्ट ऑफ रेर केस कहकर फांसी की सजा की मांग की थी, जिसे मान्य रखा गया

शहर के पांडेसरा में दस साल की बच्ची को वडापांव खिलाने का लालच देकर दुष्कर्म करने के बाद उसक हत्या करने वाले युवक को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई। 7 दिसंबर 2020 को सूरत के पांडेसरा इलाके में अपने घर के पास खेल रही 10 साल की बच्ची अचानक रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गई। बच्ची के परिवारजनों की शिकायत के बाद पांडेसरा पुलिस ने खोजबीन शुरू की थी। इस बीच उधना स्थित बीआरसी कम्पाउंड लक्ष्मीनारायण इंडस्ट्री के पास झाडिय़ों में बच्ची मृत हालत में पाई गई। पुलिस ने बच्ची के शव को कब्जे में लेकर हत्या का मामला दर्ज कर लिया था। एफएसएल की रिपोर्ट आने के बाद पता चला कि बच्ची के साथ दुष्कर्म भी हुआ है। बाद में पुलिस ने मामले में आरोपी दिनेश बैसाने को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने बताया कि दुष्कर्म करने के बाद बच्ची ने उसकी अंगुली पर काट लिया, जिससे आरोपी आक्रोशित होकर बच्ची के सिर पर ईट मारक उसकी हत्या कर दी और फरार हो गया था।
पुलिस ने दुष्कर्म और हत्या मामले में जांच पूरी कर 21 दिसंबर 2020 को दिनेश के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। सूरत के पांडेसरा में 10 साल की बच्ची से दुष्कर्म- हत्या मामले में पांडेसरा पुलिस ने 36 गवाहों की 250 पन्ने की चार्जशीट, सीसीटीवी फुटेज, डीएनए आदि प्रूफ शामिल कर इसके बाद महज 13 दिनों में यानि 21 दिसंबर को पुलिस ने चार्जशीट दाखिल करने के बाद कोर्ट में कार्यवाही शुरू हुई थी। 
10 दिसंबर को इस केस में सुनवाई पूरी हुई। 10 साल की बच्ची पर दुष्कर्म-हत्या मामले में न्यायाधीश एन. के. अंजारिया ने आरोपी दिनेश बैसाणे को दोषी ठहराया था। दिनेश के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 376-एबी, 363, 366 आदि के तहत अपराध दर्ज किया गया था। अदालत ने इसके बाद सजा पर सुनवाई के लिए 16 दिसंबर की समय सीमा तय की।
सरकारी अधिवक्ता नयन सुखड़वाल ने कहा आरोपी जिस तरह से पूरे मामले में बच्ची को ले जा रहा था, घटना स्थल पर सीसीटीवी से लेकर हत्या के जघन्य कृत्य तक, एक के बाद एक आरोपी के खिलाफ जितने सबूत थे, ये सारे सबूत हमने कोर्ट में साबित किए। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अहम थी। पोस्टमॉर्टम और डीएनए के आधार पर हमने तय किया कि लडक़ी के साथ भी छेड़छाड़ की गई थी। इसे एक बहुत ही गंभीर प्रकार की हत्या कहा जा सकता है, क्योंकि जिस तरह से अपराध करने के बाद बच्ची की हत्या की गई वह बहुत ही गंभीर घटना थी। बच्ची के सिर और आंख में गंभीर चोटें आई थी। दिनेश को अपनी मां को अस्पताल ले जाना था। हालांकि दिनेश ने मां की तकलीफ छोडक़र बच्ची के साथ यह हेवानियत भरा कृत्य किया। कोर्ट ने 16 तारीख को दिनेश बैसाणे को फांसी की सजा सुनाई। यह तीसरा मामला है जिसमें किसी मासूम बच्ची के हत्यारों को फांसी की सजा सुनाई गई है।
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