सूरत : जीएसटी दरों को यथावत रखने के लिए उद्योगों के अलावा सरकार पर राजनीतिक दबाव!

सूरत : जीएसटी दरों को यथावत रखने के लिए उद्योगों के अलावा सरकार पर राजनीतिक दबाव!

चुनाव तक स्थगित रखने के बाद जो भी अमल करना है करो ऐसा कहे जाने की उद्योग जगत में चर्चा

जीएसटी दरों में यथावत रखने के लिए केंद्र सरकार में लगाई गई गुजार का क्या नतीजा आता है इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं। हालांकि उद्योग जगत में चर्चा है कि सरकार पर उद्योगों के अलावा राजनीतिक दबाव भी लाया गया है।
जीएसटी दर यथावत नहीं रखे गए तो गुजरात में अगले चुनाव में सरकार को भारी नुकसान हो सकता है,  ऐसा इशारा मंत्रियों और सांसदों दिया है। माना जाता है कि राजनीतिक दबाव उद्योग के दबाव से ज्यादा होता है। जीएसटी के मुद्दे पर किसान आंदोलन जैसी स्थिति पैदा हो सकती है, जिसे सरकार के संज्ञान में भी लाए जाने की बात कहीं जा रही है। चुनाव निकट है, इसलिए कहा जाता है कि जनप्रतिनिधियों ने सरकार से कहा है कि इसे अभी स्थगित करें और जो करना है उसे बाद में करें।
पिछले दिनों नई दिल्ली में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कपड़ा राज्य मंत्री के साथ बैठक में देश भर के कपड़ा प्रतिनिधि मौजूद थे। सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स, गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अलावा, मुंबई, भिवंडी, मैसूर, तमिलनाडु, तिरुपुर, इचलकरंजी, किशनगढ़ और ऑल इंडिया वीवर्स फेडरेशन के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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