कपड़ा और वस्त्रों पर जीएसटी कर ढांचे को बनाए रखने के लिए नई दिल्ली में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पेशकश

कपड़ा और वस्त्रों पर जीएसटी कर ढांचे को बनाए रखने के लिए नई दिल्ली में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पेशकश

दिल्ली में वित्त मंत्री से पेशकश करते सूरत के कपड़ा उद्योगपतियों ने कहा- उद्योग तभी सुरक्षित रहेगा जब कपड़ा पर जीएसटी 5 प्रतिशत रखा जाएगा , सूरत से आए सभी उद्योगपतियों की बात वित्त मंत्री ने बहुत गंभीरता से सुनी

जीएसटी कर ढांचे में बदलाव नहीं करने के प्रस्ताव पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी: आशीष गुजराती
सूरत कपडा उद्योग पर मौजुदा 5 फीसदी जीएसटी को 1 जनवरी 2021 से बढ़ाकर 12 फीसदी किया जायेगा। जिसके विरोध में सूरत के उद्योगपतियो के प्रतिनिधि मंडल ने सूरत के सांसद और केन्द्रीय कपडा मंत्री दर्शना जरदोष के साथ दिल्ली कपड़ा मंत्रालय मे मंगलवार सूबह बैठक की। दर्शना जरदोष ने भी टेक्सटाईल सेक्टर के विभिन्न प्रतिनिधियों से जीएसटी संबंधित राय जानने का प्रयास किया। उसके बाद सूरत के सांसद एवं कपड़ा मंत्री दर्शना जरदोष, नवसारी के सांसद एवं गुजरात प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सी.आर.पाटील के साथ चेम्बर, फोस्टा और उद्योगपतियों का प्रतिनिधि मंडल वित्त मंत्री निर्मला सीतारण से मिला।  
सूरत के कपड़ा उद्योग से जुड़े कारोबारियों ने कपड़ा मंत्री दर्शनाबेन जरदोष से जीएसटी दर को लेकर चर्चा की

कपड़ा उद्योग कृषि के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता है। कपड़ा उद्योग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग लाखों श्रमिकों को रोजगार देता है। केंद्र सरकार की जीएसटी परिषद ने कपड़ों पर जीएसटी को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने का फैसला किया है। इसको लेकर कपड़ा उद्योग में खासा गुस्सा है। उद्योगपतियों द्वारा वित्त मंत्री और स्थानीय सांसदों से बार-बार जीएसटी परिषद से पेशकश परिचय कराया है।  
जीएसटी मुद्दे पर सूरत चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष के साथ-साथ कपड़ा उद्योग से जुड़े 5 से 7 उद्योगपतियों ने दिल्ली दरबार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से संपर्क किया। सूरत के कपड़ा उद्योगपतियों ने कहा कि उद्योग तभी सुरक्षित रहेगा जब कपड़ा पर जीएसटी 5 प्रतिशत रखा जाएगा। कपड़ा मंत्री दर्शना जरदोश के साथ वित्त मंत्री से रजुआत प्रस्तुत किया गया था कि कपड़ा उद्योग तभी जीवित रह सकता है जब जीएसटी को 5 फीसदी पर बनाए रखा जाए। अगर जीएसटी को बढ़ाकर 12 फीसदी करने का फैसला बरकरार रखा गया तो उद्योग धंधे चौपट हो जाएंगे। कोरोना काल के बाद उद्योग की स्थिति और खराब हो गई। कई प्रोसेसिंग हाउस भी बंद हो गए। यहां तक ​​​​है कि मौजूदा फलफूल रहे उद्योग के भी जीएसटी में वृद्धि होने पर बंद होने की आशंका है।  
सूरत के कपड़ा उद्योग से जुड़े कारोबारियों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से जीएसटी दर को लेकर चर्चा की
सूरत में से कपड़ा चैम्बर ऑफ कॉमर्स के प्रमुख आशिष गुजराती ने बताया कि वित्त मंत्री से हमने कपड़ा उद्य़ोग पर जीएसटी की वर्तमान पांच प्रतिशत की दरों को यथावत रखने के लिए मांग की है। हमारी बातें वित्तमंत्री ने ध्यान से सुनी। चैम्बर ऑफ कॉमर्स की ओर से बताया गया कि य़दि टैक्स के दर में परिवर्तन किया तो एमएमएफ सेक्टर में 4 हजार करोड़़ो का निवेश प्रभावित होगा। देश में कपड़ा उत्पादन का लगभग 90 प्रतिशत विकेंद्रीकृत बुनाई इकाइयों से आता है और इससे पूंजीगत जीएसटी ब्लोक नहीं होती है। इसलिए अनुरोध किया गया था कि जीएसटी कर ढांचे में बदलाव न किया जाए।20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज के कारण कपड़ा उद्योग की गाड़ी पटरी पर चढी है उस पर भी असर पड़ेगा। उन्होंने हर आयातित धागे पर डंपिंग रोधी शुल्क नहीं लगाने के फैसले के लिए सरकार को धन्यवाद दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष की गई प्रस्तुति को ध्यान से सुना और मामले पर विस्तार से विचार किया। बैठक के अंत में कपड़ा उद्योग में पुराने जीएसटी कर ढांचे को बनाए रखने की दिशा में उनकी ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। बैठक में कपास, ऊनी, शुद्ध रेशम, जूट और एमएमएफ क्षेत्रों के देश भर के उद्योगपतियों ने भाग लिया।
फेडरेशन ऑफ टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने आज कहा कि उन्होंने सूरत की सांसद दर्शना जरदोश के साथ दिल्ली में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी और उनसे जीएसटी में किए जा रहे बदलावों पर पुनर्विचार और निरस्त करने को कहा था। ताकि सूरत का कपड़ा उद्योग और परेशानी पैदा न हो। सूरत से  आए सभी उद्योगपतियों की बात को गंभीरता से सुनने के बाद वित्त मंत्री ने कहा है कि वह इस मामले में सकारात्मक रुख अपनाएंगे। 
फेडरेशन ऑफ टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता रंगनाथ शारडा ने कहा कि यदि जीएसटी का दर पांच प्रतिशत से बढकर 12 प्रतिशत होता है तो रिटेल व्यापार बुरी तरह प्रभावित होगा। व्यापारियों को अतिरिक्त पूंजी जीएसटी के तौर पर जमा करनी होगी। जीएसटी का दर बढने से सूरत के छोटे और मध्यम वर्गीय व्यापारियों के लिए समस्या खड़ी होगी। इस लिए मौजुदा 5 फीसदी जीएसटी का दर यथावत रखने की मांग की।
लक्ष्मीपति ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय सरावगी ने कहा कि यदि कपड़े पर 5 प्रतिशत के बजाय 12 प्रतिशत ड्यूटी बढा दी गई तो इससे रिटेल व्यापार बुरी तरह से प्रभावित होगा। लोगों की खरीद शक्ति पर असर होगा। इसलिए वर्तमान जीएसटी दर यथावत रखा जाए।
 इस दौरान सूरत के कपड़ा उद्यमियों ने वित्तमंत्री के साथ बैठक का आयोजन कराने और सूरत के कपडा उद्योग पर जीएसटी बढाने से होनेवाली विपरित असर के बारे में  वित्तमंत्री को अवगत कराने में  मददरूप हुए गुजरात प्रदेश प्रमुख सीआर पाटील और केन्द्रीय टैक्सटाइल राज्य वस्त्रमंत्री दर्शना जरदोष की भी खुब प्रशंसा की।

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