
सूरत : दिसंबर के बाद बचे स्टॉक के जीएसटी क्रेडिट की गिनती पर व्यापारियों में असमंजस
By Loktej
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वैट जुलाई 2017 से पहले लागू था और तब भी यही स्थिति बनी थी
1 जनवरी से जीएसटी की दरें बदल रही हैं, ऐसे में व्यापारियों के पास बचे माल के स्टॉक पर जीएसटी के क्रेडिट की गिनती कैसे की जाएगी। इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
जुलाई 2017 में जीएसटी लागू किया गया था, तब जैसी स्थिति पैदा हुई थी वैसी ही स्थिति फिर से हानेे का अनुभव हो रहा है। जीएसटी की दर 5 फीसदी से बढक़र 12 फीसदी हो जाने से व्यापारियों को चिंता है कि इसका क्या असर होगा और यही वजह है कि कारोबार में अब 30 फीसदी की कमी आई है। टेक्सटाइल उद्यमी ने कहा कि व्यापारियों में गलतफहमी है और इससे एक तरह का डर भी है। हालांकि इस मुद्दे पर व्यापारियों को डराने की भी कोशिश की जा रही है। कपड़ा बाजार में अफवाहें हैं कि व्यापारी को उसके पास मौजूद स्टॉक का क्रेडिट नहीं मिलेगा।
जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने से पहले वैट लागू था और तब भी यही स्थिति बनी थी। वास्तव में सरकार को उन व्यापारियों को क्रेडिट देना होगा जिन्होंने 1 से पहले स्टॉक किया है और यदि उस पर जीएसटी का भुगतान किया गया है। इसको लेकर व्यापारी असमंजस में हैं।
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