सूरत : डॉ. समीर गामी ने कोरोना के ओम‌िक्रोन वेरिएंट के बारे में क्या कहा, जानें

सूरत :  डॉ. समीर गामी ने कोरोना के ओम‌िक्रोन वेरिएंट के बारे में क्या कहा, जानें

आगामी दो सप्ताह में कोरोना के नये वेरियन्ट के बारे में पूरी जानकारी हो पाएगी

कोरोना वायरस में एक नए म्यूटेशन ने हाहाकार मचा दिया है। दुनिया में तीसरी लहर और भारत में दूसरी लहर के लिए डेल्टा वेरियन्ट जिम्मेदार था, लेकिन अब यह ओमीक्रोन वेरियन्ट डेल्टा वेरियन्ट से भी ज्यादा खतरनाक है। दक्षिण अफ्रीका में ओमीक्रोन के कारण कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। वहीं, ब्राजील में कोरोना संक्रमण में 210 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जबकि अमेरिका में भी कोरोना का संक्रमण बढ़ गया है।  अफ्रीका में तीसरी लहर डेल्टा की चल रही थी,लेकिन अब इस डेल्टा को बदलकर 90 प्रतिशत मामलों में ओमिक्रॉन वेरिएंट दिखाई दे रहा है। ओमिक्रॉन वेरिएंट  में 31 उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) केवल स्पाइक प्रोटीन के हैं। कोरोना वैक्सीन स्पाइक प्रोटीन को प्रभावित करता है। कोरोना के पहले वेरियन्ट का नाम अल्फा था। दूसरे वेरियन्ट को बीटा कहा जाता है, तीसरे का नाम गामा, चौथे को डेल्टा कहा जाता है और अब पांचवे वेरियन्ट का नाम ओमिक्रॉन है।
पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. समीर गामी ने कहा, कि "हमारा कोविशील्ड वैक्सीन एक ऐसा टीका है जो वायरस के स्पाइक प्रोटीन से लड़ता है।" तो यह भी चिंता का विषय है कि जब  कोविशील्ड वैक्सीन है और इस वायरस में स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन होता है, तो यह वायरस अधिक जुड़ सकता है। यह गला के भाग से अधिक जुड़ा हो सकता है और यदि यह जुड़ा हुआ है, तो यह और भी रोग पैदा कर सकता है। यह टीकों में विफलता का एक कारण हो सकता है। पुन: संक्रमण के बारे में कहना मुश्किल है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पूरा कोरोना वायरस इस मरीज के शरीर में प्रवेश कर चुका है। स्पाइक प्रोटीन, कोर प्रोटीन शरीर में सभी एंटीबॉडी हैं। इसलिए दोबारा संक्रमण की संभावना कम है।
उन्होंने आगे कहा कि इस वायरस के लक्षण थकान और सिरदर्द हैं। दक्षिण अफ्रीका में 9 नवंबर को इस वायरस की सूचना मिली थी। तो यह अभी भी 20 से 21 दिनों जैसा है। जब कोरोना वायरस बड़ी संख्या में आता है और बड़ी संख्या में लोगों को घायल करता है तो मरीजों के दूसरे या तीसरे सप्ताह में आईसीयू में भर्ती होने की संभावना अधिक होती है। इसलिए अगले दो हफ्तों में, हम सब और पूरी दुनिया इस बात पर कड़ी नजर रखेंगे कि केस किस तरह आगे बढ़ता है, किन क्षेत्रों में बढ़ता है,  वैक्सीन लेने वालों में बढ़ता है, संक्रमित हो चुके हैं उनमें बढ़ता है अथवा  किस उम्र में यह फैलता है, या किस आयु वर्ग में यह बढ़ता है। इस मामले में कितने मरीजों को ऑक्सीजन या आईसीयू की जरूरत है, इस सवाल का जवाब अगले 15 दिनों में मिल जाएगा। अगर इनमें से कई सवालों का जवाब हां है तो एक बहुत बड़ी तीसरी लहर आ सकती है। हम अभी इसकी भविष्यवाणी नहीं कर सकते।
उन्होंने आगे कहा कि कर्नाटक में दक्षिण अफ्रीका से दो से तीन मरीज पॉजिटिव आए, 9 नवंबर दिवाली की अवधि है, उस समय कई गुजराती या भारत के नागरिक मालदीव, दुबई और डोमेस्टिक की यात्रा करके घर लौट आए हैं। इसलिए हम अगले 1 से 2 सप्ताह में जानकारी प्राप्त कर पाएंगे कि इनमें से कोई व्यक्ति वायरस लेकर आया है या नहीं और यह वायरस एक से दो और दो से चार में कब फैलेगा।
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