सूरत : अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को महापर्व का पहला अर्घ्य आज

सूरत : अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को महापर्व का पहला अर्घ्य आज

खरना के साथ 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू, गुरुवार को उदयाचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पण कर चार दिवसीय सूर्योपासना पर्व का समापन होगा

चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ के दूसरे दिन खरना पूजन हुआ। मंगलवार की देर शाम व्रतियों ने खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत आरंभ कर दिया। व्रतियों में दिन भर खरना का व्रत रखकर शाम को गुड़, चावल, दूध मिश्रित खीर बनाई और शाम के समय अपने परिचितों को  प्रसाद का वितरण किया। 
बुधवार 10 नवंबर को व्रती छठ घाटों पर अस्ताचलगामी (डूबते) भगवान भास्कर को महापर्व का पहला अर्घ्य अर्पण करेंगे। साथ ही घाटों पर रात्रि जागरण एवं संगीत संध्या का आयोजन किया जाएगा। 
डायमंड एवं सिल्क सिटी सूरत में उत्तर प्रदेश, बिहार एवं झारखंड के लाखों की संख्या में लोग रहते हैं और अपनी संस्कृति एवं परंपरा के अनुसार हर्षोल्लास के साथ त्यौहार मनाते हैं। लोक आस्था का महापर्व छठ भी शहर के विविध क्षेत्रों में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। 
बिहार विकास परिषद द्वारा  छठ पूजा इस्कॉन मंदिर, जँहागीरपुरा तापी घाट एवं डभोली घाट (वेड रोड) पर महा पर्व का आयोजन किया गया।  परिषद् के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्त्ता के अथक परिश्रम से   दोनों घाट छठ  पूजा के लिए तैयार हो चुका है। परिषद के उपाध्यक्ष धर्मेश सिंह ने एक विज्ञप्ति में बताया कि जहंगीरपुरा पुलिस स्टेशन के थाना प्रभारी ने इस्कॉन मंदिर के घाट और सिंगणपोर पुलिस स्टेशन के थाना प्रभारी ने डभोली, वेड रोड पर निर्मित घाट का औपचारिक निरीक्षण किया। जहां परिषद द्वारा किये गए इंतजाम को लेकर संतुष्ट नजर आए।
श्री छठ मानव सेवा ट्रस्ट द्वारा  डिंडोली क्षेत्र में सरोवर तालाब पर छठ पूजा का आयोजन पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है। व्रतियों की  सुविधा के लिए सभी जरुरी इंतजाम किये गये है। इसी के साथ ही क्षेत्र के करडवा तालाब पर भी सूर्योपासना का महा पर्व मनाया जाता है। इसी तरह बिहार विकास मंडल द्वारा वियर कम कोजवे पर छठ महा पर्व का आयोजन किया जाता है। तालाबों एवं घाटों पर  व्रती एवं उनके परिजन पूजा के लिए स्थान चिन्हित किया। बुधवार को दोपहर के बाद से व्रति एवं श्रद्धालु घाटों की ओर उमड़ने लगेंगे और शाम ढलने के साथ ही अस्ताचलगामी (डूबते) भगवान भास्कर को महा पर्व का पहला अर्घ्य अर्पण करेंगे। तत्पश्चात गुरुवार को उदयाचलगामी (उगते) सूर्य को अर्घ्य अर्पण कर चार दिवसीय  सूर्योपासना पर्व का समापन होगा। 
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