सूरत : राज्य कर अधिकारी के समक्ष टेक्सटाईल सेक्टर में मौजुदा कर ढांचे में बदलाव नही करने की पेशकश

सूरत : राज्य कर अधिकारी के समक्ष टेक्सटाईल सेक्टर में मौजुदा कर ढांचे में बदलाव नही करने की पेशकश

45वीं जीएसटी काउन्सील परिषद की बैठक में 1 जनवरी 2021 से कपड़ा क्षेत्र में मौजूदा इन्वर्टेड ड्युटी स्ट्रक्चर को हटाने और एक समान कर दर तय करने का निर्णय लिया गया है

चैंबर के अध्यक्ष आशीष गुजराती और फियास्वी के अध्यक्ष भरत गांधी की जे.पी. गुप्ता के साथ दो घंटे की मैराथन बैठक
45वीं जीएसटी काउन्सील परिषद की बैठक में  लिया गया निर्णय के अनुसार 1 जनवरी 2021 से कपड़ा क्षेत्र में मौजूदा इन्वर्टेड ड्युटी स्ट्रक्चर को हटाने और एक समान कर दर तय करने का निर्णय लिया गया है।  इस संबंध में एमएमएफ टेक्सटाइल सेक्टर को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है जिसकी पेशकश करने के लिए शनिवार 16 अक्टूबर 2012 को आशीष गुजराती, द सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष और भारत गांधी फियास्वी अध्यक्ष ने के गुजरात राज्य मुख्य कर अधिकारी जे.पी. गुप्ता से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और इस संबंध में एक प्रस्तुति दी गई। 
विज्ञप्ति के अनुसार सरकार के उपरोक्त कदम से एमएमएफ टेक्सटाइल सेक्टर को बड़ा झटका लग सकता है। कोरोना के बाद बमुश्किल कोई कारोबार वापस सामान्य हो पाया है और पूरे उद्योग ने मौजूदा कर ढांचे को अपनाया है। जीएसटी लागू होने के बाद पिछले चार सालों में अकेले सूरत में ही 3750 करोड़ रुपये का बडा निवेश मात्र विविंग सेक्टर में हुआ है।18900 करोड़ रुपये के अतिरिक्त उत्पादन से पता चलता है कि मौजूदा कर ढांचे को उद्योगपतियों ने अपनाया है। भले ही इस टैक्स रेट में पूरे टेक्सटाइल वैल्यू चेन पर 5 फीसदी की एक समान टैक्स रेट लगा दी जाए, लेकिन सरकार की इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को हटाने की इच्छा पूरी नहीं होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि एमएमएफ कपड़ा क्षेत्र का मूल कच्चा माल पेट्रोलियम उत्पाद है और एमएमएफ के अलावा किसी भी उद्योग की कर दर में कोई बदलाव नहीं होगा जो कई उद्योगों का कच्चा माल है। इसका मतलब यह हुआ कि वर्तमान में बुनाई के क्षेत्र में जो इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर (उलटा शुल्क ढांचा) लागू है, उसे स्पीनिंग क्षेत्र में लागू किया जाएगा। 
पूरे मामले को समझने के लिए राज्य के मुख्य कर अधिकारी जे.पी. गुप्ता ने दो घंटे की मैराथन बैठक की। इस दौरान उन्होंने पूरे एमएमएफ टेक्सटाइल वैल्यू चेन के पूरे कॉस्ट स्ट्रक्चर और वैल्यू एडिशन को समझने की कोशिश की। उन्होंने टेक्सटाईल के सभी सेक्टर में बिजली लागत, श्रम लागत, रूपांतरण लागत और उत्पादन लागत का विवरण भी प्राप्त किया और कर के माध्यम से सरकार को संभावित राजस्व की गणना की।
बैठक के अंत में जे.पी. गुप्ता ने चैंबर और फियास्वी द्वारा उपलब्ध कराए गए विस्तृत आंकड़ों को स्वीकार किया और बुनाई क्षेत्र के मूल्यवर्धन को ध्यान में रखते हुए चैंबर और फियास्वी की प्रस्तुति में सहयोग करने के लिए सहमत हुए। गौरतलब है कि जे.पी. गुप्ता जो जीएसटी परिषद की फिटमेंट कमेटी के सदस्य भी हैं, उनके विचार भारत में किसी भी सामान पर लागू होने वाले कर ढांचे के लिए महत्वपूर्ण हैं।

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