सूरत : किडनी के बदले चार करोड़ दिलाने का मामला, बेंगलुरु से एक और नाइजीरियन गिरफ्तार

उसने देश के करीब 40 नामी अस्पतालों के नाम से फर्जी वेबसाइट भी बनाई और लोगों के साथ ठगी की

ठगबाज नाइजीरियाई गिरोह द्वारा किडनी के बदले 4 करोड़ से 7 करोड़ रुपये तक दिलाने का लालच देकर ठगी करने के मामले में पुलिस ने एक और नाइजीरियाई को गिरफ्तार किया है। ठग गिरोह ने देश के करीब 40 नामी अस्पतालों के नाम से फर्जी वेबसाइट भी बनाई है और लोगों के साथ ठगी की है।वेबसाइट में लुभावनी विज्ञापन कर गिरोह ने नानपुरा में एक कार दलाल को विश्वास में लेकर टुकड़े-टुकड़े मेंकुल 14.78 लाख रुपये की उगाही करने के बाद तीन नाइजीरियाई लोगों को पुलिस ने दबोच लिया था। हालांकि, अब साइबर क्राइम पुलिस ने बंगलुरु से एक और नाइजीरियन  को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने तीनों आरोपियों को बैंक खाते उपलब्ध कराए थे। 
 नानपुरा हबीबशाह महल्लो में रहते हैं और  कार दलाली का काम करते अरबाज सेहबाज राणा को अपनी बहन की शादी में हुए खर्च के बाद कर्ज हो गया  था। जिससे अरबाज ने अगस्त 2020 में किडनी बेचने की सोची और सेल किडनी मनी के लिए गूगल पर सर्च किया। एक वेबसाइट पर क्लिक करने पर डॉ. शिल्पा कुमार का नाम और मोबाइल नंबर, बैंगलोर के मणिपाल अस्पताल की तस्वीर के साथ था। अरबाज के फोन करने पर फोन कट कर दिया गया। कुछ ही मिनटों में उन्हें व्हाट्सएप से कॉल आया, जानकारी मिली, अस्पताल का आईकार्ड दिखाया, पंजीकरण के लिए 10,000 रुपये का भुगतान करने को कहा और दी बोर्ड ऑफ नेफ्रोलॉजी  एक्जामीन वीथ नेशनल किडनी फेडरेशन सर्टिफिकेट भेजकर विश्वास में ले लिया। उसके बाद खाते में 2 करोड़ रुपये आने की बात कहकर 35,000 रुपये ट्रांसफर फीस के तौर पर लिए गए।
गिरोह ने कार दलाल से टुकड़े-टुकड़े में 14,78,400 रुपये वसूल लिया। दूसरे दिन आरबीआई आईडी से मेल कर 2 करोड़ रुपये  जमा किए गए थे। इतनी बड़ी रकम जमा करने  की बात कहकर टुकड़े-टुकड़े में 14,78,400  वसूल लिये। इतनी बड़ी रतककम जमा कराने के बाद भी  2 करोड़ रुपये जमा नहीं होने पर अरबाज जांच के लिए  बेंगलुरू के अस्पताल गये। जहां उन्हें ठगी होने के बारे में एहसास होने पर सूरत में  शिकायत दर्ज कराई।  साइबर क्राइम दर्ज कर जांच की गई। इस मामले में साइबर क्राइम टीम ने टोटी डेगो ग्रेगोरी कौफडू टोटी ऑगस्टिन (उम्र-33, निवासी- नारायज्ञप्पा लेआउट्स विग्रोनगर, बैंगलोर एवं मूल-पश्चिम अफ्रिका) और टिकेंद्रजीत धीरेनचंद्रा बोरो (निवासी-, बेंगलोर) एवं  ग्रोगरी को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद इन तीनों को बैंक खाता उपलब्ध कराने वाले पौल कैमरा पेटेर को बैंगलोर से गिरफ्तार कर लिया है।
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