सूरत : उद्योगपति कोरोनाकाल में मजदूरों को संभाल नहीं पाएः टेक्सटाईल एवं रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोष

सूरत : उद्योगपति  कोरोनाकाल में मजदूरों को संभाल नहीं पाएः टेक्सटाईल एवं रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोष

दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा टेक्सटाईल एवं रेल राज्य मंत्री दर्शनाबेन जरदोश का स्वागत समारोह आयोजित किया जिसमें मंत्री ने चेम्बर को जरूरी सूचनाए दी।

कोरोना के समय देश में सबसे अधिक 750 ट्रेने भरकर मजदुर सूरत से अपने वतन लौटे 
दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, सूरत आर्ट सिल्क क्लॉथ मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन और ऑल ट्रेड एंड इंडस्ट्री एसोसिएशन ऑफ साउथ गुजरात ने संयुक्त रुप  से शनिवार  21 अगस्त 2021 को सायं 5.30 बजे सूरत इंटरनेशनल एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर, सरसाना के प्लेटिनम हॉल में भारत सरकार के टेक्सटाईल और रेल राज्य मंत्री दर्शनबेन जरदोष का सम्मान समारोह आयोजित किया। 
केन्द्रीय मंत्री दर्शनाबेन के सम्मान समारोह में चेम्बर अध्यक्ष आशिष गुजराती ने स्वागत उदबोधन करते हुए कहा कि मेनमेईड फेब्रिक्स का 65 प्रतिशत उत्पादन सूरत में हो रहा है। केन्द्र सरकार देश में 7 मेगा इन्वेस्टमेन्ट इन्डस्ट्रीयल पार्क बनाना चाहती है जिसमें से एक मेगा टेक्सटाईल पार्क सूरत को मिले ऐसी अपेक्षा टेक्सटाईल मंत्री के समक्ष व्यक्त की। जल्द से जल्द नेशनल टेक्सटाईल पोलीसी घोषित करने की मांग रखी। टेक्सटाईल और डायमंड उधोग के कारण सूरत का जीडीपी 11.5 प्रतिशत है जो पिछले दस सालों से बरकरार है। नए पार्क से सूरत के जीडीपी में और वृध्दि होगी तथा शहर का साम‌ूहिक विकास और अधिक लोगो को रोजगार मिलेगा। भरत गांधी ने सूरत में उत्पादीत मेनमेईड फाईबर के बारे में अवगत कराया। राजेन्द्र चोखावाला ने रेलवे मंत्रालय द्वारा सूरत में प्रदर्शनी आयोजित करने का सूझाव पेश किया। सवजी धोलकीया ने कहा की सूरत को अब कुछ मांगने की जरूरत नही रहेगी ऐसा सूरत शहर दर्शनाबेन बना देगी। यझदीभाई करंजीया ने दर्शनाबेन के बारे कहा की उनकी इंटेशन भी अच्छा है और प्रेजेन्टेशन भी अच्छा है। सीए प्रदीप सिंगी ने अतिश्योक्ती में दर्शनाबेन को भावी प्रधानमंत्री बताया। वेलजी शेटा ने दर्शनाबेन के तीन टर्म के दौरान उधोग को दिए सहयोग से अवगत कराया। 
केन्द्र सरकार के टेक्सटाईल और रेलवे राज्य मंत्री दर्शनाबेन जरदोश ने कहा की चेम्बर महाजनों की संस्था है इस लिए शहर का विकास किस प्रकार हो तथा उधोग-धंधा एवं रोजगार को किस प्रकास से तकलिफ से बाहर लाए इस दिशा में भी ध्यान देना चाहिए। दर्शनाबेन ने चेम्बर और उधोगपतिओं से कहा कि कोरोनाकाल में मजदुरों को सूरत संभाल नही पाया। कोरोना के समय सबसे अधिक 750 ट्रेने भरकर मजदुर सूरत से अपने वतन लौटे। उधोगपति मजदुरों को क्यों संभाल नही पाए। मजदुरों को उनके वतन भेजने और वापस सूरत लाने के लिए रेलवे मंत्रालय ने स्पेशयल ट्रेन चलाई जिससे रेलवे को काफी आर्थिक नुकसान हुआ। चेम्बर प्रमुख हर साल बदलता है और हर प्रमुख अपने समय के कामों को प्रेजेन्ट करते है। इस लिए एक रोडमेप तैयार किया जाए। पिछले 12 सालों से सांसद के रूप में सूरत के उधोग तथा रेलवे संबंधित समस्याओं को अच्छी तरह से समझती हु। कोमर्स और टेक्सटाईल इंडस्ट्री दोनो मर्ज हो गयी है। टेक्सटाईल और रेलवे मंत्रालय भी चोक्कस विजन के साथ आगे बढ रहा है। इंडस्ट्री के प्रश्नों का निराकरण के लिए एक टेबल पर बैठकर लाया जा सकता है। केन्द्र सरकार देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रयास कर रही है। चेम्बर ऑफ कोमर्स को टेक्सटाईल और डायमंड के अलावा फ्रुट पार्क, फ्रुट एक्सपोर्ट और झींगा एक्सपोर्ट के बारे में भी सक्रिय भूमिका निभानी होगी। 

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