सूरत : मानक परिसर विकसित करने के लिए आईआईआईटी ने दी न्यूनतम आवश्यकता से भी आधी जमीन, छात्रों ने जताया रोष

सूरत : मानक परिसर विकसित करने के लिए आईआईआईटी ने दी न्यूनतम आवश्यकता से भी आधी जमीन, छात्रों ने जताया रोष

कामरेज के पास 28 एकड़ जमीन आवंटित की गई, छात्रों ने कहा भविष्य के साथ समजौता

मंजूरी मिलने के छह साल बाद और चार साल के शैक्षणिक कार्य के बाद भारतीय सूचना प्रोद्योगिकी संस्थान (IIIT) सूरत को राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हो सके इस तरह से विकसित करने के लिए आवश्यक भूमि की मात्र आधी जमीन ही मिल पाई। केन्द्रीय मानव संसाधन इकस मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार बुनियादी सुविधाओं को विकसित करने के लिए संस्थान को कामरेज के पास 28 एकड़ जमीन आवंटित की गई, जबकि इसकी न्यूनतम 50 एकड़ जमीन आवश्यकता है। 
आईआईआईटी के लिए सरकार द्वारा जारी योजना के अनुसार कक्षाओं, प्रयोगशालाओं, छात्रावास, क्वार्टर, खेल गतिविधि, सभागार और अनुसंधान प्रयोगशालाओं को विकसित करने के लिए कम से कम 50 एकड़ जमीन की जरूरत है। योजना में आगे कहा गया है की 100 एकड़ भूमि का उपयोग प्रशिक्षण, उन्न्त शैक्षणिक अनुसंधान, वाणिज्यिक अनुसंधान, अतिथि गृह, प्रदर्शन थियेटर, इंक्यूबेटर और मनोरंजन के लिए सुविधाएं विकसित करने के लिए किया जा सकता है। हालांकि न्यूनतम आवश्यकता को देखते हुये कुछ सुविधाओं को अन्य किसी स्थान पर ट्रांसफर करने का विकल्प प्रदान किया गया। 
आईआईआईटी द्वारा जो जमीन दी गई है वहाँ मात्र शैक्षणिक परिसर ही बनाया जा सकता है। ऐसे में घर से बैठे हुये पढ़ाई कर रहे छात्रों ने ईमेल और फोन कॉल अपनी चिंता जता रहे है। छात्रों के एक ग्रुप ने सूरत जिला अधिकारियों से और शिक्षा मंत्रालय के सामने अपना प्रश्न भी खड़ा किया। नाम न छापने की शर्त के साथ एक छात्र ने कहा कि संस्थान ने न्यूनतम भूमि से भी काफी कम स्वीकार किया है। जो कि छात्रों के भविष्य के साथ समजौता करने जैसा है। बता दे कि फिलहाल आईआईआईटी अपना सारा कार्यभार सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान(SVNIT) से हो रहा है। संस्थान में केवल नौ नियमित फ़ैकल्टी है। 
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