सूरत कि स्कूलों में सफल प्रयोग के बाद समग्र राज्य में द्विभाषी गुजराती-अंग्रेजी माध्यम को मंजूरी

सूरत कि स्कूलों में सफल प्रयोग के बाद समग्र राज्य में द्विभाषी गुजराती-अंग्रेजी माध्यम को मंजूरी

बच्चे को मातृभाषा में पढ़ाएं या अंग्रेजी माध्यम में इस दुविधा को हल करने के लिए गुजरात सरकार ने नए माध्यम द्विभाषी (गुजराती-अंग्रेजी) को मंजूरी दे दी है।

मातृभाषा से संस्कृति भी बनी रहेगी और विश्वभाषा से भौतिक्ता का मार्ग भी खुलेगा
गुजरात के माता-पिता हमेशा असमंजस में रहते हैं कि अपने बच्चे को उनकी मातृभाषा में पढ़ाएं या अंग्रेजी माध्यम में। माता-पिता की इस दुविधा को हल करने के लिए, सूरत के 29 स्कूलों ने ग्लोबल मीडियम नाम से एक नए माध्यम द्विभाषी (गुजराती-अंग्रेजी) की मंजूरी के साथ छह साल से इस परियोजना को सफलतापूर्वक चलाया है। नतीजतन सरकार ने अब पूरे गुजरात में एक नए द्विभाषी माध्यम को मंजूरी दे दी है। इस वर्ष से सरकार ने इस द्विभाषी माध्यम को गुजरात में किसी भी निजी स्कूल की स्वेच्छा से स्वीकृति के साथ शुरू करने का निर्णय लिया है। 
नव सम्बद्ध विद्यालयों को द्विभाषी माध्यम में मार्गदर्शन प्रदान करने के क्रम में डॉ. मीता वकील और डॉ. रइश मनियार के मार्गदर्शन में एक सूचनात्मक वेबसाइट शुरू की गई है। www.bilingualmedium.in वेबसाइट का उद्घाटन करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा, "मैं खुश और गौरवान्वित हूं। गुजरात के शिक्षा जगत को नई दिशा दिखाने वाले इन मित्रों को बधाई। बच्चा अपनी मातृभाषा में पढ़ाई शुरू करता है लेकिन शुरू से ही अंग्रेजी विषय भी उच्च स्तर पर पढ़ाया जाता है। गणित और विज्ञान कक्षा तीन से सात तक द्विभाषी पुस्तकों की सहायता से पढ़ाया जाता है। कक्षा आठ, नौ और दस में गणित और विज्ञान विषय पूर्ण अंग्रेजी हो जाते हैं। ताकि द्विभाषी माध्यम से शिक्षित बच्चा भी मातृभाषा के माध्यम से परंपरा से जुड़े और द्विभाषी भी अच्छी तरह सीखे। निजी स्कूल जो सुसज्जित और तैयार हैं वे इस द्विभाषी माध्यम का उपयोग अंग्रेजी माध्यम और गुजराती माध्यम के तीसरे विकल्प के रूप में सरकार के अनुमोदन से स्वैच्छिक आधार पर कर सकते हैं। दोनों मौजूदा माध्यम जारी रहेगा। यह  द्विभाषी  माध्यम स्वैच्छिक और वैकल्पिक है।
शैक्षिक मनोविज्ञान की दृष्टि से यह भी आवश्यक है कि प्रारम्भिक अध्ययन मातृभाषा में ही किया जाए। साथ ही जितनी जल्दी हो सके अंग्रेजी को दूसरी भाषा के रूप में शुरू करने के साथ-साथ अंग्रेजी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। चूंकि बच्चे एक ही समय में दोनों भाषाओं (मातृभाषा और अंग्रेजी) को अच्छी तरह सीख सकते हैं, इसलिए एक को अपनाने के लिए दूसरे की उपेक्षा करना आवश्यक नहीं है। एक द्विभाषी माध्यम के मूल को एक स्वर में कहा जा सकता है की जब गुजराती या अंग्रेजी एक दुविधा है तो समाधान केवल गुजराती के साथ अंग्रेजी ही हो सकता है। भूपेंद्रसिंह चुडासमा (शिक्षा मंत्री, गुजरात राज्य) ने बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि 2020 की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में द्विभाषी (मातृभाषा और अंग्रेजी) तत्परता की वकालत की गई है। 2016 से सूरत के 29 स्कूलों ने अध्ययन के द्विभाषी माध्यम के साथ सफलतापूर्वक प्रयोग किया है। मुझे इस www.bilingualmedium.in वेबसाइट का उद्घाटन करते हुए खुशी और गर्व हो रहा है। गुजरात के शिक्षा जगत को नई दिशा दिखाने वाले इन मित्रों को बधाई।
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