सूरत : शिक्षा समिति के शिक्षक ने श्रावण मास में मिट्टी से 5 से 7 सेंटीमीटर के 12 ज्योतिर्लिंग बनाए

सूरत :  शिक्षा समिति के शिक्षक ने श्रावण मास में मिट्टी से 5 से 7 सेंटीमीटर के 12 ज्योतिर्लिंग बनाए

बारह ज्योतिर्लिंगों को बनाने में लगे छह घंटे

सूरत शिक्षा समिति के शिक्षक ने श्रवण मास में मिट्टी से 5 से 7 सेंटीमीटर के 12 ज्योतिर्लिंग तैयार किए। उन्होंने ज्योतिर्लिंग के आकार के अनुसार सोमनाथ, नागेश्वर, महाकालेश्वर, आमकालेश्वर, विश्वनाथ, केदारनाथ, धूम्मेश्वर, भीमाशंकर, मल्लिकार्जुन, वैद्यनाथ, रामेश्वरम, त्रंबकेश्वर का निर्माण किया।
श्रावण में शिवालयों में जल अभिषेक से शिवलिंग की पूजा की जाती है।  ऐसे में अडाजण में रहने वाले और मनपा संचालित नगर प्राथमिक शिक्षा समिति के स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्यरत विनोद कुमार जादव ने मिट्टी से पांच से सात सेंटीमीटर के बारह ज्योतिर्लिंग बनाए। उन्होंने ज्योतिर्लिंग के आकार के अनुसार सोमनाथ, नागेश्वर, महाकालेश्वर, आमकालेश्वर विश्वनाथ, केदारनाथ, धूम्मेश्वर, भीमाशंकर, मल्लिकार्जुन, वैद्यनाथ, रामेश्वरम, त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग बनाई है। बारह ज्योतिर्लिंगों को बनाने में छह घंटे का समय लगा। विनोद कुमार ने कहा कि वह शिवलिंग बनाने के लिए गणेश प्रतिमा की मिट्टी लाए थे।
सादे मिट्टी से शिवलिंग बनाने के बाद फट जाता है। बाद में इंटरनेट पर प्रत्येक शिवलिंग की एक तस्वीर डाउनलोड की। इसके बाद  फोटो को देखकर  हूबहू कृति बनाई। इसलिए  प्रतिमा बनाने में उपयोग की जाने वाली मिट्टी से ज्योतिर्लिंग बनाए। विनोदकुमार ने मिनिएचर आर्टिस्ट के तौर पर कई कृतियां बना चुके हैं।  उन्होंने पूर्व में विभिन्न सब्जियों से बारह ज्योतिर्लिंग बनाए थे। साथ ही पेंसिल के किनारे पर बल्ब में मिट्टी के शिवलिंग बनाए  थे। साल 2005 में उन्होंने माचिस की तिली से 12 फीट ऊंचा एफिल टावर बनवाया और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया। 2019 में उन्होंने पेंसिल की धार को तराश कर 0.2 सेंटीमीटर का वर्ल्ड कप बनाया था। उन्होंने छोटे- बड़े  अनेक कलाकृतियां बनाई है। 
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