सूरत : टेक्सटाईल वीवर्स को बड़ी राहत, आयातीत विस्कोस यार्न पर नहीं लगेगी एंटी सब्सिडी ड्यूटी

सूरत : टेक्सटाईल वीवर्स को बड़ी राहत, आयातीत विस्कोस यार्न पर नहीं लगेगी एंटी सब्सिडी ड्यूटी

नई दिल्ली में डायरेक्टर जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज(डीजीटीआर) ने चीन से आयातीत 60 डेनियर के उपर के विस्कोस फिलामेन्ट यार्न पर एंटी सब्सिडी ड्यूटी लागू नहीं करने का निर्णय किया है।

वीवर्स संगठनों की लगातार प्रस्तुती के बाद डीजीटीआर का फैसला , चेम्बर, फिआस्वी, वीवर्स संगठनों ने लगातार की थी राहत की मांग 
यह समाचार सूरत शहर के हजारों वीवर्स को बड़ी राहत देने वाले है। नई दिल्ली में डायरेक्टर जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज(डीजीटीआर) ने चीन से आयातीत 60 डेनियर के उपर के विस्कोस फिलामेन्ट यार्न पर एंटी सब्सिडी ड्यूटी लागू नहीं करने का निर्णय किया है। सूरत चेम्बर सहित वीवर्स संगठनों ने इस फैसले का वेलकम किया एवं इसे हजारों वीवर्स के लिए सराहनीय बताया है। इस निर्णय से शहर के वीवर्स प्रतिस्पर्धा में रहते हुए वाजिब दाम में क्वॉलिटी विस्कोस फेब्रिक्स का उत्पादन कर सकेंगे एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के देश से निर्यात बढ़ाने के लक्ष्य में अपना योगदान दे सकेंगे। 
आयाती विस्कोस यार्न पर ड्यूटी को लेकर लंबे समय से वीवर्स एवं स्पिनर्स के बीच में संघर्ष चल रहा था। घरेलू उत्पादन उद्योग के रक्षण की बात करके एमएमएफ इंडस्ट्री, स्पिनर्स ने आयाती यार्न पर एंटी सब्सिडी ड्यूटी लगाने की मांग की थी। देश में यह यार्न विशेषकर चीन से आयात होता है और इस यार्न का 85 फीसदी उपयोग सूरत में होता है। सूरत में विस्कोस फिलामेन्ट यार्न के आयातकर्ता व उपयोगकर्ता वीवर्स इस पर एंटी सब्सिडी ड्यूटी लागू करने का विरोध कर रहे थे। सूरत में वीवर्स आयातीत विस्कोस यार्न में से 100 बाय 100 ज्योर्जेट, ब्रासो, चिनोन, 75 ज्योर्जेट फेब्रिक्स का उत्पादन करते है। एम्ब्रोईडरी इंडस्ट्री में इस यार्न का बड़ा उपयोग होता है। वीवर्स ने दलील की थी कि आयातीत यार्न घरेलू यार्न की तुलना में मजबूत है एवं इससे निर्यात योग्य क्वॉलिटी फेब्रिक्स का उत्पादन होता है। सूरत में फिआस्वी, विस्कोस वीवर्स एसोसिएशन, पांडेसरा वीवर्स एसोसिएशन सहित संगठनों ने केन्द्रीय कपड़ा मंत्री पियूष गोयल, केन्द्रीय कपड़ा राज्यमंत्री दर्शना जरदोश, सांसद सी.आर.पाटील सहित को आयातीत विस्कोस यार्न पर एंटी सब्सिडी ड्यूटी लागू नहीं करने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि बजट में भी वीवींग व निटिंग इंडस्ट्री में मुख्य रॉ मटेरियल पर किसी भी किस्म की एंटी डम्पिंग, सीवीडी व अतिरिक्त ड्यूटी नहीं लागू करने की सिफारीश की गई थी। चेम्बर ने भी आयातीत यार्न पर ड्यूटी नहीं लगाने का अभिप्राय व्यक्त किया था। 
आयातीत विस्कोस यार्न की 85% जितनी खपत सूरत में 
देशभर में विस्कोस यार्न का उपभोग अंदाजित 55 हजार टन है, जिसमें से आयातीत यार्न का हिस्सा करीब 16 हजार टन है। भारत में यह यार्न विशेषकर चीन से आयात होता है और देशभर में आयातीत यार्न का 85 प्रतिशत जितना सूरत में ही यूज होता है। सूरत में वीवर्स आयातीत विस्कोस फिलामेन्ट यार्न में से 100 बाय 100 ज्योर्जेट, ब्रासो, चिनोन, 75 बाय 75 ज्योर्जेट आदि फेब्रिक्स का उत्पादन करते है। एम्ब्रोईडरी इंडस्ट्री में इस यार्न का उपयोग होता है। वीवर्स मयूरभाई ने बताया कि आयातीत यार्न की गुणवत्ता बेहतर है और यह मजबूत होता है एवं इससे निर्यात योग्य क्वॉलिटी फेब्रिक्स का उत्पादन होता है। आयातीत विस्कोस यार्न पर ड्यूटी लागू होने से वीवर्स के लिए फेब्रिक्स की लागत बढ़ जाती और निर्यात के मार्केट में टिकना मुश्किल होता और उद्योग पर निर्भर लाखों लोगों का रोजगार प्रभावित होता। ड्यूटी लागू नहीं करने के निर्णय से वीवर्स को बड़ी राहत मिली है।  

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