सूरतः कामरेज- पलसाना तहसीलों में तौकते तूफान से हुई फसलों के क्षति का सर्वेक्षण प्रारंभ

सूरतः कामरेज- पलसाना तहसीलों में तौकते तूफान से हुई फसलों के क्षति का सर्वेक्षण प्रारंभ

दोनों तालुका में केले के 413.11 हेक्टेयर क्षेत्र में 33 प्रतिशत से अधिक फसल का व्यापक नुकसान

तूफान तौकते' से हुई तबाही से सबसे ज्यादा नुकसान गर्मी की फसल से किसानों को हुआ है। इसमें भी बागवानी में वाले  किसानों को नुकसान झेलने की बारी है। विशेष रूप से जिले के कामरेज और पलसाना तालुकाओं में केला वाले किसानों को नुकसान हुआ है। बागवानी विभाग की टीमों ने युद्ध स्तर पर नुकसान का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। जिले में आए तूफ़ान तौकते  ने हवा के झोंकों के साथ-साथ भारी बारिश की वजह से आम, केला, चीकू सहित किसानों की बागवानी फसलों के साथ-साथ सब्जियों जैसी फसलों को भी नुकसान पहुंचाया है। कामरेज और पलसाना तालुकों में, 413.11  हेक्टेयर में 33% से अधिक केले की फसल को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है।
कामरेज तालुका बागवानी अधिकारी  नैनैसभाई चौधरी ने कहा कि कामरेज तालुका के किसानों को भी तूफान के कारण व्यापक नुकसान हुआ है। तेज हवाओं के कारण केले के तने गिरने से धोरानपर्डी, अंबोली, वालक, कर्जन, चौरयासी, डूंगरा, भादा जैसे 15 गांवों में केले उगाने वाले किसानों को व्यापक नुकसान हुआ है। तालुका में 1500 हेक्टेयर क्षेत्र में केले की खेती की जाती थी। जिसमें से 1320 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है। जिसमें से 946  क्षेत्रों में सहायक कृषि निदेशक, विस्तार अधिकारी, ग्राम सेवकों सहित तीन टीमों का गठन किया गया है और नुकसान का सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है। जिसमें से 310 किसानों ने 272.5 हेक्टेयर क्षेत्र में अपनी केले की फसल में 33 प्रतिशत से अधिक का नुकसान हुआ है। नुकसान की भरपाई सरकार के नियमानुसार की जाएगी।
कामरेज के अंबोली गांव के किसान हारून नसरुद्दीन महीदा ने कहा कि एक हेक्टेयर में मैंने जो केले के पौधे लगाए थे, उनमें से ज्यादातर तूफान के कारण गिर गए थे। जिसका एक बागवानी अधिकारी समेत टीम ने सर्वे किया है।
धोरण पारडी गांव के रिनेशभाई पटेल ने बताया कि 2.50 हेक्टेयर में लगाए गए 6,000 केले के पौधों में से 90 फीसदी से ज्यादा केले तेज हवाओं के कारण गिर गए हैं। उद्यानिकी अधिकारी व ग्राम सेवक ने भी खेत में आकर सर्वे का कार्य पूरा किया है।
पलसाना तालुका के बागवानी अधिकारी धीरेंद्रभाई राठौर का कहना है कि तालुका में 524 हेक्टेयर क्षेत्र में केला लगाया गया है। जिसमें से 195 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है। जिसमें वणेसा,एना, धमडोद, गोटिया जैसे 10 गांवों के केले के किसानों को नुकसान हुआ है। वर्तमान में तीन टीमों का गठन कर 335 हेक्टेयर क्षेत्र का सर्वेक्षण कार्य युद्धस्तर पर पूरा कर लिया गया है। तालुका में 102 किसानों ने 140.61 हेक्टेयर क्षेत्र में अपनी केले की 33 प्रतिशत से अधिक फसलों को नुकशान हु्आ है।  
Tags: