महाराष्ट्र से कोरोना के इलाज के लिए सूरत आ रहे मरीज़

महाराष्ट्र से कोरोना के इलाज के लिए सूरत आ रहे मरीज़

नंदूरबार और धुले से आ रहे है लोग, कम सुविधा है सबसे बड़ा कारण

गुजरात में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इसको देखते हुये राज्य के प्रमुख जिलों में रात्रि कर्फ्यू और कई प्रतिबंध लगा दिए गए है। राज्य में प्रवेश करने वाले सभी यात्रियों को कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट दिखाना आवश्यक है। ऐसे में गुजरात के पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र से एक बड़ी खबर सामने आई है। फ़िलहाल देश में जिस राज्य में सबसे अधिक मामले देखे जा रहे है वो महाराष्ट्र है। वर्तमान में देश के लगभग 60 प्रतिशत मामले सिर्फ महाराष्ट्र में पाए जा रहे है। ऐसे में महाराष्ट्र में कोविड -19 मामलों में वृद्धि के साथ ही गुजरात की सीमा के करीब धुले और नंदुरबार जिलों के मरीज़ इलाज कराने के लिए सूरत आते रहे हैं।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र के धुले और नंदुरबार के मरीज सूरत के निजी अस्पतालों के अलावा सूरत शहर के न्यू सिविल अस्पताल और सूरत नगर निगम द्वारा संचालित स्मीमेर अस्पताल में इलाज के लिए आ रहे है। ऐसा एक उदाहरण धुले जिले के निवासी सुनील वाघ (52) का है, जो करीब पांच दिन पहले पॉजिटिव पाए जाने के बाद सूरत आए थे। सुनील का सूरत के एक यूनिटी अस्पताल में इलाज चल रहा था।
इस मामले में एसएमसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. प्रदीप उमरीगर ने कहा कि हाल ही में महाराष्ट्र के धुले और नंदुरबार से आने वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही हैं। ये मरीज महाराष्ट्र के दूरदराज के इलाकों से आते हैं और सूरत को ये इसलिए पसंद करते हैं, क्योंकि यहां उन्हें उपचार की अच्छी गुणवत्ता मिलती है। इन में से कई मामलों में महाराष्ट्र के मरीज सीधे सूरत में इलाज के लिए आते हैं, जबकि अन्य अपने सूरत शहर में रहने वाले रिश्तेदारों के साथ आते हैं।”
आपको बता दें कि धुले के मरीजों के सूरत जाने की बात पर वहां के जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शिवचंद्र सांगले ने कहा, “हालांकि जिले में मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं पर यहां हमारे पास पर्याप्त वेंटिलेटर, आईसीयू, ऑक्सीजन और अन्य सुविधाओं के साथ 500 बेड वाला एक डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल (DCH) है। इसके अलावा, हमारे पास 12 डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर (DCHC) हैं, जिनमें 750 बेड हैं और प्रत्येक बेड में ऑक्सीजन सप्लाई लाइन और 12 कोविड केयर सेंटर (CCC) हैं, जिनमें 1,575 बेड और 8 निजी अस्पताल हैं। DCHC और DCH में सभी बेड हैं। इनमे से 60 प्रतिशत मरीजों से भरा हुआ  है। जल्द ही हम अधिक सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कार्यरत है।”