सूरत : किन्नरों की पहचान और सुरक्षा कायम करने सरकार ने पहचान पत्र देना शुरु किया

सूरत : किन्नरों की पहचान और सुरक्षा कायम करने सरकार ने पहचान पत्र देना शुरु किया

सरकार द्वारा दिये नए पहचान पत्र से मिल पाएगा सरकारी योजनाओं का लाभ

सभी किन्नरों को भी विकास का समान अधिकार मिले और उनके भी पंख खुल सके इस दिशा में राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए किन्नरों को एक नया पहचान प्रमाणपत्र दिया था। जिसके अंतर्गत अब वह आधिकारिक तौर पर थर्ड पर्सन कहलाएगी। 
प्रमाणपत्र न होने की वजह से नहीं मिलता सरकार की योजनाओं का फायदा
मीडिया से बात करते हुए कुँवर नुरी ने बताया की वह अब गर्व से कह सकती है कि वह किन्नर है। इसके पहले उन्हें अपनी पहचान बताने के लिए मेडिकल टेस्ट का सहारा लेना पड़ता था। पर अब ऐसा नहीं होगा, अब उनके पास कानूनी कार्ड होगा। डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की ऑफिस में से 23 किन्नरों को यह पहचान प्रमाण पत्र दिया गया था। नुरी ने बताया की बिना किसी भी प्रमाणपत्र के उन्हें कई तरह की तकलीफ़ों का सामना करना पड़ता है। अपनी एक मित्र का उदाहरण देते हुये नुरी ने बताया कि क्योंकि उनके पास किसी तरह का प्रमाणपत्र नहीं था, तो उन्हें सीनियर सिटीजन का जो फायदा मिलने वाला था, वह भी नहीं मिला। 
किन्नरों के लिए शुरू किया गया ऑनलाइन पोर्टल
जब किन्नरों को नए पहचान प्रमाणपत्र दिया जा रहा था। सूरत जिला कलेक्टर धवल पटेल, सामाजिक सुरखा के ओफिसर लालजी पटेल और लक्ष्य ट्रस्ट के चेरमेन मानवेंद्र सिंह गोहील इस समारोह में शामिल थे। सोशल जस्टिस एंड एमपावरमेंट मिनीस्ट्री ने किन्नरों को अपनी पहचान का प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए एक पोर्टल शुरू किया आया था। इस पोर्टल के जरिये उन्हें बिना किसी ऑफिस गए, जिला मजिस्ट्रेट के पास से उनका पहचान प्रमाणपत्र मिल जाता है। 
जानिए क्या है जरूरी?
अपना पहचान पत्र पाने के लिए किन्नरों को अपना आधारकार्ड जमा करवाना होता है। इसके अलावा एक एफ़िडेविट पर अपना नाम, उनके गुरु, पता और उम्र स्टैम्प ड्यूटी के साथ जमा करवाना होता है। इसके अलावा यदि उन्होंने लिंग परिवर्तन का ऑपरेशन करवाया हो तो उसका भी जिक्र उसमें करना पड़ता है। इस कार्ड के जरिये वह सरकार कि विविध योजना का लाभ उठा सकते है। 
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