
सूरत : सड़क किनारे छत्री रखकर सिमकार्ड बेचने वाले जुनैद का 1 करोड़ के ड्रग्स मामले में ये रोल था
By Loktej
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चचेरे भाई से लिए थे सलमान ने डमी सिम कार्ड, ड्रग्स की हेर फेर के लिए आम लोगों के डॉक्युमेंट्स से बनवाए थे डमी सिम
पाँच महीने पहले सूरत के डुमस इलाके से 1 करोड़ से अधिक मूल्य के एमडी ड्रग्स के केस में जुनैद नामक शख्स की भूमिका का पर्दाफ़ाश हुआ था। ड्रग्स के साथ हिरासत में लिए गए अड़ाजन के सलमान ने ड्रग्स की हेरफेर के लिए अपने जो सिम कार्ड इस्तेमाल किए थे, वह उसने अपने इसी चचेरे भाई जुनैद के पास से लिए थे। जुनैद ने चार अलग-अलग ग्राहकों के डॉकयुमेंट का फर्जी ढंग से उपयोग करके उसमें मोर्फिंग कर डमी सिम खरीदे थे।
ड्रग्स की हेराफेरी और बिक्री के लिया करता था डमी सिम का इस्तेमाल
अधिक जानकारी के अनुसार 22 सितंबर 2020 को डुमस से 1 करोड़ के ड्रग्स के साथ सलमान उर्फ अनिफ को हिरासत में लिया गया था। पुलिस ने उसके पास से पाँच मोबाइल फोन बरामद किये थे। जिसके बारे में जानकारी प्राप्त करने पर एजेंट के नाम पर उसमें सूफियान मोबाइल और जुनैद का नाम सामने आया था। आगे जांच में पता चला कि जुनैद और कोई नहीं पर सलमान का ही चचेरा भाई था, जो वोडाफ़ोन - आइडिया के डिस्ट्रीब्यूटर के यहाँ नवंबर 2019 तक रास्ते में छत्री डाल के सिम कार्ड बेचता था। इसी बीच एक दिन उसके भाई सलमान ने उससे डमी सिम कार्ड मांगे। जिनका इस्तेमाल वह ड्रग्स की हेराफेरी, बिक्री और पेटीएम के लिए करता था।
आम लोगों के डॉक्युमेंट्स से बनाए थे डमी सिम कार्ड
सलमान ने जिन चार डमी सिम कार्ड का इस्तेमाल किया था, उसमें जिन डॉकयुमेंट का इस्तेमाल किया गया, वह आम लोग ही थे। इनमें एक सिम कार्ड भेस्तान निवासी नारायण प्रधान कालुप्रधान, दूसरा सिम कार्ड आँजना के साईंनगर के रहने वाले नरेशकुमार चौधरी का था। इनमें एजेंट के तौर पर सूफियान मोबाइल के दुकानदार का नाम था। तीसरे सिम कार्ड में जो डॉकयुमेंट इस्तेमाल किए गए वह पोरबंदर के रामभाई बोखरिया के थे और चौथा सिम कार्ड सिमाड़ा गाँव के जयेश जसानी का था। जब क्राइम ब्रांच ने इन सभी से पूछताछ की तो पता चला की इन सब में से किसी ने सिम कार्ड नहीं खरीदे थे। इन सभी में जयेश और रामभाई के फॉर्म में जो फोटो इस्तेमाल हुई थी, उसमें फोटो किसी और का ही था। राम भाई के आधारकार्ड की जगह किसी और का आधार कार्ड लगा था और नरेशभाई तो पुलिस को मिले ही नहीं हैं।
सड़क किनारे सिम कार्ड बेचने वालों से रहें सावधान
इस घटना से यही सीख मिलती है कि सड़क किनारे छत्री तानकर सिम कार्ड आदि बेचने वालों से सतर्क रहें। विशेष तौर पर तब जब आपको अपने पहचान पत्रों की प्रतियां इन सड़क किनारे बैठे अनजान लोगों को देनी पड़ती है। इस बात की कोई गारंटी नहीं होती कि वे लोग आपके पहचान पत्र का गलत इस्तेमाल ना करें।
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